आज के इस पोस्ट में हम कोर (Core) के बारे में जानेंगे, कि आखिर यह कोर (Core) होता क्या है। यह किस बला का नाम है। दोस्तों आप जब भी कोई कंप्यूटर खरीदने जाते हैं, या लैपटॉप खरीदने जाते हैं, तो आपने देखा होगा कि शॉप ओनर आपको यह बोलता है, कि आपको कौन सा लैपटॉप चाहिए। कोर I5 चाहिए कोर i7 चाहिए, कोर I3 चाहिए, dual-core चाहिए, क्वाड कोर चाहिए, या कौन सा चाहिए। आपको कई सारे ऑप्शन दे देता है। आप कंफ्यूज हो जाते हैं, कि मैं आखिर कौन सा लूं। आखिर यह कौर क्या चीज है। तो आज के इस पोस्ट में हम यह जानेंगे, कि आखिर यह कोर क्या होता क्या है। तो चलिए बिना वक्त शुरू कर लेते हैं, और दोस्तों अगर आपने हमारा इसके पहले वाला पोस्ट सीपीयू के बारे में नहीं पढ़ा है, तो आप प्लीज सीपीयू के उस पोस्ट को पढ़ ले।
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कंप्यूटर के सभी भाग (computer all parts) class 4
कंप्यूटर का वर्गीकरण ( कंप्यूटर के प्रकार) - Classification of computers (types of computers) class 3
दोस्तों अगर आपको पता नहीं है, कि कोर क्या है, तो उसके लिए पहले आपको सीपीयू को समझना पड़ेगा। कि सीपीयू आखिर किस तरह का बना होता है।
अगर आप एक इलेक्ट्रिशियन है, तो आपको पता ही होगा, कि हमारे कंप्यूटर के मदरबोर्ड में, या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मदरबोर्ड में आपको ट्रांसिस्टर मिल जाएगा। ट्रांजिस्टर असल में तीन टांग का होता है। जिसका फोटो आपको गूगल में मिल जाएगा, और हो सकता है, मैं इस पोस्ट में आपको दिखा भी दूं। एक सीपीयू के अंदर लाखों की संख्या में ट्रांजिस्टर हो सकते हैं, और यह ट्रांजिस्टर जितने छोटे होते जाते हैं, और एक सीपीयू के अंदर ट्रांजिस्टर की मात्रा जितनी बढ़ती रहती है। उतना ही हमारे सीपीयू का जनरेशन बदलता रहता है। सीधे शब्दों में अगर मैं आपको कहूं तो, ट्रांजिस्टर का छोटा होना ही जनरेशन कहलाता है। अब हम समझते हैं, कोर को।
दोस्तों हम कोर (Core) को समझने के लिए किसी भी टेक्निकल चीज का सहारा नहीं लेंगे। हम उदाहरण के तौर पर कोर को समझेंगे, कि आखिर कोर होता क्या है। ताकि जो टेक्निकल बंदे नहीं है, जो टेक्नोलॉजी से जुड़े नहीं है, उनको भी बड़ी आसानी से समझ में आ सके कि आखिर यह कोर होता क्या है। दोस्तों जनरली कोर कई तरह के होते हैं, जो निम्न है :-
सिंगल कोर (single core)
dual-core (dual-core)
क्वॉड कोर (Quad core)
Xeon quad core
ऑक्टा कोर (Octa core)
डेका कोर (Deca Core)
कोर I3 (Core i3)
कोर I5 (Core i5)
कोर i7 (Core i7)
सामान्य तौर पर यह कौर के प्रकार होते हैं, तो अब हम इन सब को एक-एक करके समझेंगे, कि यह आखिर होता क्या है।
दोस्तों आपने कभी ना कभी यह सुना होगा, कि आपका कंप्यूटर P4 है या P3 है, ऐसा कभी ना कभी सुना होगा। पर दोस्तों आखिर यह P होता क्या है। दोस्तों P का मतलब होता है, पेंटीअम (Pentium), और जो भी यह पेंटीअम सीरीज के सीपीयू है, इनमें सिंगल कोर का उपयोग किया जाता था। अर्थात यह सिंगल कोर के होते थे। इन सीपीयू वाले कंप्यूटर में आप एक वक्त में एक ही काम कर सकते थे। अगर आप को एक साथ दो या तीन काम करना होता, तो आप नहीं कर पाते और आपका कंप्यूटर हैंग होने लग जाता। वह इसलिए होता दोस्तों, क्योंकि आपका कंप्यूटर एक वक्त में एक काम करने के लिए ही बना है। अर्थात आपका सीपीयू एक का वक्त में एक काम करने के लिए ही बना है। उसमें आप मल्टीपल कार्य नहीं कर सकते। इस चीज को हम सिंगल कोर कहते हैं।आपको इसका एक उदाहरण देता हूं।
मान लीजिए आप अपने कंप्यूटर में कोई डॉक्यूमेंट बना रहे हैं, अब आप उस डॉक्यूमेंट को लिखते-लिखते अचानक इंटरनेट चलाने लग गए हैं, या कोई फाइल किसी पेनड्राइव से अपने कंप्यूटर में कॉपी कर रहे हैं। तब अचानक आपका कंप्यूटर हैंग हो जाता है। वह आपका कंप्यूटर हैंग इसलिए होता है, क्योंकि आपका सीपीयू सिर्फ उस डॉक्यूमेंट को लिखने के कार्य को ही करने के योग्य है, आप एक साथ दो कार्य नहीं कर सकते हैं, इसीलिए P4 सीपीयू P3 सीपीयू काफी स्लो हो जाते थे। जब हम इसमें मल्टीपल कार्य करते थे। कुल मिलाकर कहा जाए तो सिंगल कोर का अर्थ है, एक समय में एक कार्य करना।
दोस्तों डुएल कोर आते ही पेंटीअम सीरीज खत्म हो जाती है, और उसके बाद dual-core आ जाता है। डुएल कोर में आप एक वक्त में दो कार्य कर सकते हैं, अर्थात दो तरह की फाइल एक साथ बना सकते हैं। इसके लिए आपको एक उदाहरण देता हूं।
मान लीजिए आप कोई डॉक्यूमेंट बना रहे हैं, साथ ही साथ आप फोटोशॉप का भी काम करना चाहते हैं, फोटो एडिट करना चाहते हैं। तो आप डुएल कोर सीपीयू के साथ उस कार्य को बहुत ही आसानी से कर सकते हैं, और अगर आप उसमें एक साथ तीन या चार काम एक साथ करने लग गए, तो आपका कंप्यूटर हैंग हो जाएगा। तो आप अब तक समझ ही गए होंगे, कि dual-core में एक वक्त में दो काम एक साथ कर सकते हैं। पर इससे ज्यादा हम नहीं कर सकते अगर करेंगे तो आपका कंप्यूटर हैंग हो जाएगा।
दोस्तों क्वॉड कोर dual-core का डबल होता है। इसका मतलब कि इसमें एक साथ हम चार काम कर सकते हैं। जिस प्रकार dual-core में हम दो ही कार्य कर सकते थे, उसी प्रकार क्वॉड कोर में हम चार कार्य एक साथ कर सकते हैं, और 4 से ज्यादा किया तो आपका कंप्यूटर हैंग होने लग जाएगा, और स्लो चलने लग जाएगा।
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कंप्यूटर के सभी भाग (computer all parts) class 4
कंप्यूटर का वर्गीकरण ( कंप्यूटर के प्रकार) - Classification of computers (types of computers) class 3
दोस्तों Xeon quad core में आप एक साथ 6 कार्य कर सकते हैं, मतलब 6 आदमी के कार्य करने की क्षमता होती है, इसमें। यह काफी तेजी से कार्य करता है। आप जो कार्य सिंगल कोर में अर्थात P4 में या पी 3 मैं, 6 मिनट में करते थे, वह कार्य एक्शन क्वॉड कोर में 1 मिनट में ही हो जाएगा, क्योंकि इसमें 6 कार्य एक साथ करने की क्षमता होती है।
दोस्तों ऑक्टाकोर में आप एक साथ 8 कार्य कर सकते हैं, अर्थात यह बाकी सब से काफी ज्यादा पावरफुल है। और काफी तेजी से कार्य करता है। इसकी प्रोसेसिंग क्षमता बहुत ही ज्यादा होती है, 8 लोगों के बराबर एक अकेला कार्य कर लेता है, और शार्ट में इसको कहो तो, यह 8 मिनट का कार्य 1 मिनट में ही कर देता है।
दोस्तों डेका कोर में आप 10 मिनट का काम 1 मिनट में कर सकते हैं, अर्थात इसमें 10 कोर होते हैं, जिसकी मदद से आप 10 कार्य एक साथ कर सकते हैं। और 10 मिनट का काम 1 मिनट में ही खत्म कर सकते हैं। यह बहुत ही ज्यादा फास्ट होता है, और यह काफी ज्यादा महंगा आता है।
दोस्तों कोर I3 असल में dual-core होता है, पर इसमें आपको हाइपरथ्रेडिंग इनेबल्ड मिल जाती है, और यह 2 वर्जन में आता है, कोर I3 एक cpu डुएल कोर आता है, और दूसरा क्वॉड कोर आता है।
दोस्तों अब आप कहेंगे कि अगर कोर I3 dual-core आता है, और दूसरा क्वॉड में आता है, तो हमें कोर I3 लेने की क्या जरूरत हम डायरेक्ट डुएल कोर सीपीयू ले सकते हैं, या क्वॉड कोर सीपीयू ले सकते हैं। पर दोस्तों इन में फर्क मैं आपको बता देता हूं। कि जिस प्रकार ट्रांजिस्टर छोटे होते गए उसी प्रकार जनरेशन भी बदलती गई और कोर I3 में कंपनी ने इतना छोटा ट्रांजिस्टर बना लिया है, जिसकी वजह से यह नॉर्मल डुअल कोर के मुकाबले काफी तेजी से कार्य करता है, और दोस्तों इसमें आपको हाइपरथ्रेडिंग मिल जाती है। इसमें एक और बात समझने के लिए आपके है, कि अगर आप कोर I3 डुएल कोर सीपीयू लेते हैं, तो आप उसमें यह देख ले कि उसमें हाइपरथ्रेडिंग इनेबल्ड है, या डिसएबल। अगर उसमें हाइपरथ्रेडिंग इनेबल्ड है, तो आपका सीपीयू उसको क्वॉड कोर में समझने लगता है, अर्थात यह 4 कोर का बन जाता है। डुएल कोर में 2 कोर आते हैं, और क्वॉड कोर बनने के बाद यह 4 कोर का हो जाता है, और यह सामान्य गतिविधि से काफी तेजी से कार्य करता है, और यह पूरा हाइपरथ्रेडिंग के द्वारा ही होता है।
Hyper-threading की वजह से ही dual-core क्वॉड कोर बन जाता है, यह बात आप ध्यान में रखें।
कोर I5 में कोर I3 की ही तरह dual-core और क्वॉड कोर मिलता है, इसमें अगर आप लैपटॉप खरीद रहे हैं, तो इसमें आपको hyper-threading मिलता है, जिसकी वजह से dual-core क्वॉड कोर में बदल जाता है, और आपका सीपीयू उसे 2 कोर के बजाज 4 कोर में समझने लगता है, और अगर आप डेक्सटॉप खरीदते हैं, तो वह पहले से ही क्वॉड कोर में ही आता है, इसमें हाइपरथ्रेडिंग नहीं होता है, और यही वजह है, कि लैपटॉप और डेक्सटॉप दोनों एक ही स्पीड से कार्य करते हैं।
दोस्तों कोर i7 में, सभी सीपीयू के मुकाबले थोड़ा सा अलग हो जाता है। इसमें आपको लैपटॉप में अलग बात देखने को मिलेगा और डेक्सटॉप में अलग बात। दोस्तों अगर आप लैपटॉप खरीदते हैं, तो यह डुअल कोर और क्वॉड कोर में आता है, और दोस्तों इसमें आपको हाइपरथ्रेडिंग मिल जाता है। अगर आपका लैपटॉप कोर i7 है, और उसमें डुएल कोर सीपीयू है, और अगर हाइपरथ्रेडिंग उसमें इनेबल्ड होता है तो वह क्वॉड कोर में बदल जाता है।
और अगर आप डेक्सटॉप लेते हैं, अगर उसमें हाइपरथ्रेडिंग आपको इनेबल्ड मिलता है, तो वही क्वॉड कोर आपका ऑक्टा कोर में बदल जाता है। जो कि काफी ज्यादा फास्ट होता है, और यह सीपीयू काफी ज्यादा महंगा आता है। लैपटॉप के मुकाबले कोर i7 में डेक्सटॉप ज्यादा महंगा आता है।
दोस्तों आप सोच रहे होंगे कि, मैंने इतने सारे कोर और सीपीयू के बारे में बताया है, तो आप अब तक कंफ्यूज हो गए होंगे कि आपको कौन सा सीपीओ लेना उचित है। दोस्तों अगर आप सिंपल कार्य करना चाहते हैं, जैसे कि नॉर्मल माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस और और मूवीस वगैरह देखना चाहते हैं, तो उसके लिए आपका डुएल कोर सीपीयू ही बहुत अच्छा है, और इसमें आप कोर I3 भी ले सकते हैं। कोर I3 लेने से आप अच्छी तरह से इंटरनेट चला सकते हैं साथ ही साथ आप छोटे-मोटे कार्य भी कर सकते हैं, और छोटे-मोटे गेम भी आप खेल सकते हैं। पर यही आपको अगर कोई बड़ा सॉफ्टवेयर चलना है, जैसे कि आपको फोटोशॉप में हाई ग्राफिक का काम करना है, या आपको वीडियो एडिटिंग का काम करना है, या आपके ग्राफिक की बहुत ज्यादा रिक्वायरमेंट रहती है। और आप गेम खेलना चाहते हैं, वह भी हाई डेफिनेशन में। तो आप I5 सीपीयू परचेज करें। जिससे कि आप अपने कंप्यूटर में हाई ग्राफिक के गेम खेल सकते हैं। और बहुत ही आसानी से आपका हर कार्य कर सकते हैं, और अगर आपको नॉर्मल सॉफ्टवेयर चलाना है, तो प्लीज आप I5 में पैसा इन्वेस्ट ना करें। आपके लिए I3 बेस्ट है, और अगर आप बहुत ही ज्यादा हाई ग्राफिक का काम करते हैं, जैसे कि आप प्रोग्रामिंग करते हैं या बहुत ही ज्यादा हाई लेवल के ग्राफिक डिजाइन करते हैं, तो आपके लिए i7 बेस्ट है, और आप i7 में पूरी स्पीड के साथ कार्य कर सकते हैं। आपका कंप्यूटर कभी हैंग नहीं होगा, और ना ही आपको कोई दिक्कत आने वाली है। आपके घंटों का काम मिनटों में हो जाएगा। तो अगर आपको ज्यादा स्पीड चाहिए और आपका काम कहीं भी रुकना नहीं चाहिए। तो आप कोर i7 ले लीजिए आपके लिए बेस्ट रहेगा।
तो अब तक आप को यह समझ में आ गया होगा के, आपको कौन सा सीपीयू लेना है। और आपके लिए कौन सा सीपीयू बेस्ट है।
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कंप्यूटर का वर्गीकरण ( कंप्यूटर के प्रकार) - Classification of computers (types of computers) class 3
कोर (Core) क्या है?
कोर क्या है ? ( what is core ) |
दोस्तों अगर आपको पता नहीं है, कि कोर क्या है, तो उसके लिए पहले आपको सीपीयू को समझना पड़ेगा। कि सीपीयू आखिर किस तरह का बना होता है।
अगर आप एक इलेक्ट्रिशियन है, तो आपको पता ही होगा, कि हमारे कंप्यूटर के मदरबोर्ड में, या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मदरबोर्ड में आपको ट्रांसिस्टर मिल जाएगा। ट्रांजिस्टर असल में तीन टांग का होता है। जिसका फोटो आपको गूगल में मिल जाएगा, और हो सकता है, मैं इस पोस्ट में आपको दिखा भी दूं। एक सीपीयू के अंदर लाखों की संख्या में ट्रांजिस्टर हो सकते हैं, और यह ट्रांजिस्टर जितने छोटे होते जाते हैं, और एक सीपीयू के अंदर ट्रांजिस्टर की मात्रा जितनी बढ़ती रहती है। उतना ही हमारे सीपीयू का जनरेशन बदलता रहता है। सीधे शब्दों में अगर मैं आपको कहूं तो, ट्रांजिस्टर का छोटा होना ही जनरेशन कहलाता है। अब हम समझते हैं, कोर को।
दोस्तों हम कोर (Core) को समझने के लिए किसी भी टेक्निकल चीज का सहारा नहीं लेंगे। हम उदाहरण के तौर पर कोर को समझेंगे, कि आखिर कोर होता क्या है। ताकि जो टेक्निकल बंदे नहीं है, जो टेक्नोलॉजी से जुड़े नहीं है, उनको भी बड़ी आसानी से समझ में आ सके कि आखिर यह कोर होता क्या है। दोस्तों जनरली कोर कई तरह के होते हैं, जो निम्न है :-
कोर (Core) के प्रकार
सिंगल कोर (single core)
dual-core (dual-core)
क्वॉड कोर (Quad core)
Xeon quad core
ऑक्टा कोर (Octa core)
डेका कोर (Deca Core)
कोर I3 (Core i3)
कोर I5 (Core i5)
कोर i7 (Core i7)
सामान्य तौर पर यह कौर के प्रकार होते हैं, तो अब हम इन सब को एक-एक करके समझेंगे, कि यह आखिर होता क्या है।
सिंगल कोर (single core)
दोस्तों आपने कभी ना कभी यह सुना होगा, कि आपका कंप्यूटर P4 है या P3 है, ऐसा कभी ना कभी सुना होगा। पर दोस्तों आखिर यह P होता क्या है। दोस्तों P का मतलब होता है, पेंटीअम (Pentium), और जो भी यह पेंटीअम सीरीज के सीपीयू है, इनमें सिंगल कोर का उपयोग किया जाता था। अर्थात यह सिंगल कोर के होते थे। इन सीपीयू वाले कंप्यूटर में आप एक वक्त में एक ही काम कर सकते थे। अगर आप को एक साथ दो या तीन काम करना होता, तो आप नहीं कर पाते और आपका कंप्यूटर हैंग होने लग जाता। वह इसलिए होता दोस्तों, क्योंकि आपका कंप्यूटर एक वक्त में एक काम करने के लिए ही बना है। अर्थात आपका सीपीयू एक का वक्त में एक काम करने के लिए ही बना है। उसमें आप मल्टीपल कार्य नहीं कर सकते। इस चीज को हम सिंगल कोर कहते हैं।आपको इसका एक उदाहरण देता हूं।
सिंगल कोर (single core) |
मान लीजिए आप अपने कंप्यूटर में कोई डॉक्यूमेंट बना रहे हैं, अब आप उस डॉक्यूमेंट को लिखते-लिखते अचानक इंटरनेट चलाने लग गए हैं, या कोई फाइल किसी पेनड्राइव से अपने कंप्यूटर में कॉपी कर रहे हैं। तब अचानक आपका कंप्यूटर हैंग हो जाता है। वह आपका कंप्यूटर हैंग इसलिए होता है, क्योंकि आपका सीपीयू सिर्फ उस डॉक्यूमेंट को लिखने के कार्य को ही करने के योग्य है, आप एक साथ दो कार्य नहीं कर सकते हैं, इसीलिए P4 सीपीयू P3 सीपीयू काफी स्लो हो जाते थे। जब हम इसमें मल्टीपल कार्य करते थे। कुल मिलाकर कहा जाए तो सिंगल कोर का अर्थ है, एक समय में एक कार्य करना।
डुएल कोर (dual core)
दोस्तों डुएल कोर आते ही पेंटीअम सीरीज खत्म हो जाती है, और उसके बाद dual-core आ जाता है। डुएल कोर में आप एक वक्त में दो कार्य कर सकते हैं, अर्थात दो तरह की फाइल एक साथ बना सकते हैं। इसके लिए आपको एक उदाहरण देता हूं।
डुएल कोर (dual core) |
मान लीजिए आप कोई डॉक्यूमेंट बना रहे हैं, साथ ही साथ आप फोटोशॉप का भी काम करना चाहते हैं, फोटो एडिट करना चाहते हैं। तो आप डुएल कोर सीपीयू के साथ उस कार्य को बहुत ही आसानी से कर सकते हैं, और अगर आप उसमें एक साथ तीन या चार काम एक साथ करने लग गए, तो आपका कंप्यूटर हैंग हो जाएगा। तो आप अब तक समझ ही गए होंगे, कि dual-core में एक वक्त में दो काम एक साथ कर सकते हैं। पर इससे ज्यादा हम नहीं कर सकते अगर करेंगे तो आपका कंप्यूटर हैंग हो जाएगा।
क्वॉड कोर (Quad core)
क्वॉड कोर (Quad core) |
दोस्तों क्वॉड कोर dual-core का डबल होता है। इसका मतलब कि इसमें एक साथ हम चार काम कर सकते हैं। जिस प्रकार dual-core में हम दो ही कार्य कर सकते थे, उसी प्रकार क्वॉड कोर में हम चार कार्य एक साथ कर सकते हैं, और 4 से ज्यादा किया तो आपका कंप्यूटर हैंग होने लग जाएगा, और स्लो चलने लग जाएगा।
old links :-
कंप्यूटर के सभी भाग (computer all parts) class 4
कंप्यूटर का वर्गीकरण ( कंप्यूटर के प्रकार) - Classification of computers (types of computers) class 3
Xeon quad core
Xeon quad core |
दोस्तों Xeon quad core में आप एक साथ 6 कार्य कर सकते हैं, मतलब 6 आदमी के कार्य करने की क्षमता होती है, इसमें। यह काफी तेजी से कार्य करता है। आप जो कार्य सिंगल कोर में अर्थात P4 में या पी 3 मैं, 6 मिनट में करते थे, वह कार्य एक्शन क्वॉड कोर में 1 मिनट में ही हो जाएगा, क्योंकि इसमें 6 कार्य एक साथ करने की क्षमता होती है।
ऑक्टा कोर (Octa core)
ऑक्टा कोर (Octa core) |
दोस्तों ऑक्टाकोर में आप एक साथ 8 कार्य कर सकते हैं, अर्थात यह बाकी सब से काफी ज्यादा पावरफुल है। और काफी तेजी से कार्य करता है। इसकी प्रोसेसिंग क्षमता बहुत ही ज्यादा होती है, 8 लोगों के बराबर एक अकेला कार्य कर लेता है, और शार्ट में इसको कहो तो, यह 8 मिनट का कार्य 1 मिनट में ही कर देता है।
डेका कोर (Deca Core)
डेका कोर (Deca Core) |
दोस्तों डेका कोर में आप 10 मिनट का काम 1 मिनट में कर सकते हैं, अर्थात इसमें 10 कोर होते हैं, जिसकी मदद से आप 10 कार्य एक साथ कर सकते हैं। और 10 मिनट का काम 1 मिनट में ही खत्म कर सकते हैं। यह बहुत ही ज्यादा फास्ट होता है, और यह काफी ज्यादा महंगा आता है।
कोर I3 (Core i3)
कोर I3 (Core i3) |
दोस्तों कोर I3 असल में dual-core होता है, पर इसमें आपको हाइपरथ्रेडिंग इनेबल्ड मिल जाती है, और यह 2 वर्जन में आता है, कोर I3 एक cpu डुएल कोर आता है, और दूसरा क्वॉड कोर आता है।
दोस्तों अब आप कहेंगे कि अगर कोर I3 dual-core आता है, और दूसरा क्वॉड में आता है, तो हमें कोर I3 लेने की क्या जरूरत हम डायरेक्ट डुएल कोर सीपीयू ले सकते हैं, या क्वॉड कोर सीपीयू ले सकते हैं। पर दोस्तों इन में फर्क मैं आपको बता देता हूं। कि जिस प्रकार ट्रांजिस्टर छोटे होते गए उसी प्रकार जनरेशन भी बदलती गई और कोर I3 में कंपनी ने इतना छोटा ट्रांजिस्टर बना लिया है, जिसकी वजह से यह नॉर्मल डुअल कोर के मुकाबले काफी तेजी से कार्य करता है, और दोस्तों इसमें आपको हाइपरथ्रेडिंग मिल जाती है। इसमें एक और बात समझने के लिए आपके है, कि अगर आप कोर I3 डुएल कोर सीपीयू लेते हैं, तो आप उसमें यह देख ले कि उसमें हाइपरथ्रेडिंग इनेबल्ड है, या डिसएबल। अगर उसमें हाइपरथ्रेडिंग इनेबल्ड है, तो आपका सीपीयू उसको क्वॉड कोर में समझने लगता है, अर्थात यह 4 कोर का बन जाता है। डुएल कोर में 2 कोर आते हैं, और क्वॉड कोर बनने के बाद यह 4 कोर का हो जाता है, और यह सामान्य गतिविधि से काफी तेजी से कार्य करता है, और यह पूरा हाइपरथ्रेडिंग के द्वारा ही होता है।
Hyper-threading की वजह से ही dual-core क्वॉड कोर बन जाता है, यह बात आप ध्यान में रखें।
कोर I5 (Core i5)
कोर I5 (Core i5) |
कोर I5 में कोर I3 की ही तरह dual-core और क्वॉड कोर मिलता है, इसमें अगर आप लैपटॉप खरीद रहे हैं, तो इसमें आपको hyper-threading मिलता है, जिसकी वजह से dual-core क्वॉड कोर में बदल जाता है, और आपका सीपीयू उसे 2 कोर के बजाज 4 कोर में समझने लगता है, और अगर आप डेक्सटॉप खरीदते हैं, तो वह पहले से ही क्वॉड कोर में ही आता है, इसमें हाइपरथ्रेडिंग नहीं होता है, और यही वजह है, कि लैपटॉप और डेक्सटॉप दोनों एक ही स्पीड से कार्य करते हैं।
कोर i7 (Core i7)
कोर i7 ( Core i7 ) |
दोस्तों कोर i7 में, सभी सीपीयू के मुकाबले थोड़ा सा अलग हो जाता है। इसमें आपको लैपटॉप में अलग बात देखने को मिलेगा और डेक्सटॉप में अलग बात। दोस्तों अगर आप लैपटॉप खरीदते हैं, तो यह डुअल कोर और क्वॉड कोर में आता है, और दोस्तों इसमें आपको हाइपरथ्रेडिंग मिल जाता है। अगर आपका लैपटॉप कोर i7 है, और उसमें डुएल कोर सीपीयू है, और अगर हाइपरथ्रेडिंग उसमें इनेबल्ड होता है तो वह क्वॉड कोर में बदल जाता है।
और अगर आप डेक्सटॉप लेते हैं, अगर उसमें हाइपरथ्रेडिंग आपको इनेबल्ड मिलता है, तो वही क्वॉड कोर आपका ऑक्टा कोर में बदल जाता है। जो कि काफी ज्यादा फास्ट होता है, और यह सीपीयू काफी ज्यादा महंगा आता है। लैपटॉप के मुकाबले कोर i7 में डेक्सटॉप ज्यादा महंगा आता है।
कौन सा CPU हमारे लिए सही है :-
दोस्तों आप सोच रहे होंगे कि, मैंने इतने सारे कोर और सीपीयू के बारे में बताया है, तो आप अब तक कंफ्यूज हो गए होंगे कि आपको कौन सा सीपीओ लेना उचित है। दोस्तों अगर आप सिंपल कार्य करना चाहते हैं, जैसे कि नॉर्मल माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस और और मूवीस वगैरह देखना चाहते हैं, तो उसके लिए आपका डुएल कोर सीपीयू ही बहुत अच्छा है, और इसमें आप कोर I3 भी ले सकते हैं। कोर I3 लेने से आप अच्छी तरह से इंटरनेट चला सकते हैं साथ ही साथ आप छोटे-मोटे कार्य भी कर सकते हैं, और छोटे-मोटे गेम भी आप खेल सकते हैं। पर यही आपको अगर कोई बड़ा सॉफ्टवेयर चलना है, जैसे कि आपको फोटोशॉप में हाई ग्राफिक का काम करना है, या आपको वीडियो एडिटिंग का काम करना है, या आपके ग्राफिक की बहुत ज्यादा रिक्वायरमेंट रहती है। और आप गेम खेलना चाहते हैं, वह भी हाई डेफिनेशन में। तो आप I5 सीपीयू परचेज करें। जिससे कि आप अपने कंप्यूटर में हाई ग्राफिक के गेम खेल सकते हैं। और बहुत ही आसानी से आपका हर कार्य कर सकते हैं, और अगर आपको नॉर्मल सॉफ्टवेयर चलाना है, तो प्लीज आप I5 में पैसा इन्वेस्ट ना करें। आपके लिए I3 बेस्ट है, और अगर आप बहुत ही ज्यादा हाई ग्राफिक का काम करते हैं, जैसे कि आप प्रोग्रामिंग करते हैं या बहुत ही ज्यादा हाई लेवल के ग्राफिक डिजाइन करते हैं, तो आपके लिए i7 बेस्ट है, और आप i7 में पूरी स्पीड के साथ कार्य कर सकते हैं। आपका कंप्यूटर कभी हैंग नहीं होगा, और ना ही आपको कोई दिक्कत आने वाली है। आपके घंटों का काम मिनटों में हो जाएगा। तो अगर आपको ज्यादा स्पीड चाहिए और आपका काम कहीं भी रुकना नहीं चाहिए। तो आप कोर i7 ले लीजिए आपके लिए बेस्ट रहेगा।
तो अब तक आप को यह समझ में आ गया होगा के, आपको कौन सा सीपीयू लेना है। और आपके लिए कौन सा सीपीयू बेस्ट है।
नोट (Note ) :-
दोस्तों हमारे आज के इस पोस्ट में हमने आपको सीपीयू के बारे में एक अलग अंदाज में समझाने की कोशिश की है। मुझे आशा है, कि आप को सीपीयू के बारे में पता चल गया होगा, कि सीपीयू क्या होता है, और इसमें कोर क्या होता है।
अगर आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। साथी साथ आपको कुछ और भी जानना हो तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। हम आपके प्रॉब्लम का सलूशन देने की पूरी तरह से कोशिश करेंगे।
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