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Sunday, September 1, 2019

कंप्यूटर का वर्गीकरण ( कंप्यूटर के प्रकार) - Classification of computers (types of computers)


कंप्यूटर का वर्गीकरण ( कंप्यूटर के प्रकार) -Classification of computers (types of computers)

कंप्यूटर का वर्गीकरण ( कंप्यूटर के प्रकार) - Classification of computers (types of computers)
कंप्यूटर का वर्गीकरण ( कंप्यूटर के प्रकार) - Classification of computers (types of computers)

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम यह जानेंगे कि, कंप्यूटर कितने प्रकार के पाए जाते हैं, और उनको किस किस प्रकार से विभाजित किया गया है। तो बिना वक्त  गवाए आज का टॉपिक शुरू करते हैं :-

दोस्तों मुख्य रूप से कंप्यूटर को तीन भागों में बांटा गया है, जो निम्न प्रकार से हैं :-
  1. डिजिटल कंप्यूटर 
  2. एनालॉग कंप्यूटर 
  3. हाइब्रिड कंप्यूटर


(1) डिजिटल कंप्यूटर (Digital computer)


दोस्तों आमतौर पर डिजिटल कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते हैं, जिनका उपयोग हम आम तौर पर करते हैं, जो कि हम घरों में यूज करते हैं, ऑफिसों में यूज करते हैं, यह सब डिजिटल कंप्यूटर है। और जो वैज्ञानिक तथा बड़े-बड़े अनुसंधान केंद्रों पर  जो कंप्यूटर यूज़ में लिए जाते हैं, वह सभी डिजिटल कंप्यूटर होते हैं। और इन सभी कंप्यूटर का उपयोग सबसे ज्यादा होता है, तो आइए अब डिजिटल कंप्यूटर को अच्छे से समझते हैं। 

दोस्तों सामान्य तौर पर डिजिटल कंप्यूटर को चार भागों में बांटा गया है, जो कि निम्न है :-
  1. माइक्रो कंप्यूटर (Micro computer)
  2. मिनी कंप्यूटर  (Mini computer )
  3. मेनफ्रेम कंप्यूटर ( Mainframe computer)
  4. सुपर कंप्यूटर (Super computer)



अब हम इन सब को एक-एक करके समझते हैं। 


(१) माइक्रो कंप्यूटर (Micro computer)


दोस्तों  कंप्यूटर का जो दिमाग होता है, उस दिमाग को प्रोसेसर कहा जाता है। कंप्यूटर जो भी कार्य करता है, जो भी गणितीय प्रतिक्रियाएं देता है, और जो कोई भी हमारे आंखों के सामने दिखाता है। वह सारी  क्रियाएं  प्रोसेसर द्वारा ही की जाती है, और इसी प्रोसेसर को  सीपीयू भी कहा जाता है।
पूरी दुनिया में सबसे पहले इंटेल कॉरपोरेशन द्वारा माइक्रोप्रोसेसर का आविष्कार किया गया। यह अविष्कार सन 1971 में किया गया था, और जिसने इस माइक्रोप्रोसेसर का आविष्कार किया था, उस वैज्ञानिक का नाम ई. डी. रॉबर्ट्स था। 
आपने जो भी कंप्यूटर अपने घरों में देखा है, सरकारी ऑफिसों में या प्राइवेट बैंक वगैरा, कहीं भी आपने जो भी कंप्यूटर देखा है, वह सारे कंप्यूटर माइक्रोकंप्यूटर कहे जाते हैं, और इन्हें पर्सनल कंप्यूटर भी कहा जाता है। 

माइक्रो प्रोसेसर की विशेषताएं

  1. यह आकार में छोटे तथा कम कीमत के होते हैं। 
  2. इन कंप्यूटर में एक समय में केवल एक ही यूजर कार्य कर सकता है, और यह सिंगल यूजर पीसी कहलाते हैं। 
  3. इनकी प्राथमिक मेमोरी तथा इनकी प्रोसेसिंग क्षमता अन्य कंप्यूटर की तुलना में काफी कम पाई जाती है, इसलिए इनको माइक्रोकंप्यूटर कहा जाता है। 
  4. यह ज्यादातर निजी उपयोग के लिए काम में लिए जाते हैं, इसीलिए ने पर्सनल कंप्यूटर कहा जाता है। 


(२) मिनी कंप्यूटर  (Mini computer )

मिनी कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में काफी ज्यादा पावरफुल होते हैं, और इन कंप्यूटर में माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में 5 गुना अधिक क्षमता होती है, इन्हें  सामान्य रूप से टाइम शेयरिंग तथा डिस्ट्रीब्यूटर डाटा प्रोसेसिंग ने प्रयोग किया जाता है। 

मिनी कंप्यूटर की विशेषताएं :-

  1. मिनी कंप्यूटर आकार में मेनफ्रेम कंप्यूटर से छोटे होते हैं, तथा माइक्रो कंप्यूटर से काफी बड़े होते हैं। 
  2. इनको multi-user कंप्यूटर के रूप में  उपयोग में लिया जाता है। 
  3. इनकी कार्य करने की क्षमता माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में काफी ज्यादा होती है, और यह काफी तेजी से कार्य करते हैं। 


(३) मेनफ्रेम कंप्यूटर ( Main frame computer)

इनका मुख्य कार्य नेटवर्क में सरवर के रूप में किया जाता है, और इनकी प्रोसेसिंग क्षमता मिनी कंप्यूटर से काफी ज्यादा अधिक होती है। 

मेनफ्रेम कंप्यूटर की विशेषताएं :-

  1. यह कंप्यूटर आकार में बड़े होते हैं। 
  2. इनकी भंडारण तथा प्रोसेसिंग क्षमता काफी ज्यादा होती है। 
  3. इनका प्रयोग सरवर के रूप में किया जाता है। 
  4. इनकी मेमोरी में एक साथ कई प्रोग्राम डाले जा सकते हैं, अतः यह कंप्यूटर मल्टिप्रोसेसिंग के सिद्धांत पर कार्य करती है। 
  5. इन कंप्यूटर का उपयोग ज्यादातर वैज्ञानिक करते हैं। 
  6. यह कंप्यूटर जटिल गणना करने के लिए उपयोग में लिए जाते हैं। 
  7. DEC तथा IBM-3090 इनके मुख्य उदाहरण है। 

(४) सुपर कंप्यूटर (Super computer)

आपको इसके नाम से पता चल ही गया होगा, कि यह एक सुपरकंप्यूटर है। इसकी प्रोसेसिंग क्षमता बाकी कंप्यूटर की तुलना में सबसे ज्यादा तेज होती है, तथा सबसे ज्यादा पावरफुल होते हैं। इन computer  में निर्णय लेने की क्षमता काफी अधिक होती है। तथा इनमें तार्किक क्षमता भी काफी ज्यादा होती है। यह multi-user वातावरण के लिए भी बनाए गए हैं। इनकी मेमोरी तथा प्रोसेसिंग क्षमता, अन्य कंप्यूटर की तुलना में कहीं ज्यादा अधिक होती है। आप इनमें कई सारे प्रोग्राम एक साथ चला सकते हैं। इन कंप्यूटर में माइक्रो कंप्यूटर तथा मिनी कंप्यूटर तथा मेनफ्रेम कंप्यूटर के सभी प्रकार के गुण विद्यमान होते हैं। 
इन कंप्यूटर की कीमत काफी ज्यादा अधिक होती है, अतः इनका प्रयोग विशेष कार्यों के लिए ही किया जाता है। जैसे कि नासा स्पेस क्राफ्ट में सुपर कंप्यूटर का ही उपयोग होता है। 
रोबोटिक्स में भी सुपर कंप्यूटर का उपयोग होता है। 
इनकी कीमत करोड़ों में होती है। 

(2) एनालॉग कंप्यूटर

यह कंप्यूटर विशेष प्रकार के कंप्यूटर होते हैं। इनका प्रयोग ज्यादातर ताप, दबाव, गति, ध्वनि, विद्युत प्रवाह जैसे संकेतों पर कार्य करने के लिए किया जाता है। 

एनालॉग कंप्यूटर की विशेषताएं

  1. इस कंप्यूटर का उपयोग ज्यादातर विद्युत प्रवाह, गति, दबाव, तापमान आदि संकेतों के आधार पर कार्य करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। 
  2. इन कंप्यूटर में एक समय में  एक ही निर्देश का पालन करने की क्षमता होती है, यह एक साथ कई निर्देशों का पालन नहीं कर सकते हैं। 
  3. इसका उपयोग वैज्ञानिक ज्यादा करते हैं, तथा चिकित्सा के लिए भी इन कंप्यूटरों का उपयोग काफी ज्यादा होता है। 
  4. प्रत्येक कार्य को करने के लिए इन्हें अलग डाटा की आवश्यकता होती है। 


(3) हाइब्रिड कंप्यूटर

यह एक विशेष प्रकार के कंप्यूटर होते हैं, इन कंप्यूटर में एनालॉग कंप्यूटर तथा डिजिटल कंप्यूटर के सभी गुण विद्यमान होते हैं। यह कंप्यूटर संकेतों तथा संख्याओं के आधार पर कार्य करते हैं। 

Note :- 
दोस्तों आज के इस पोस्ट में हमने यह जाना के कंप्यूटर कितने प्रकार के पाए जाते है, और किन-किन जगहों पर इन कम्प्यूटर को उपयोग में लिया जाता है। और इन की क्या विशेषताएं है। दोस्तों आज के इस पोस्ट में बस इतना ही। आगे की पोस्ट में हम माइक्रो कंप्यूटर के बारे में और भी ज्यादा जानेंगे। तो आप को हमारा यह पोस्ट कैसा लगा। हमे comment कर के जरूर बताइए। और हमे सब्सक्राइब करना मत भूलियेगा। आप को नीचे सब्सक्राइब बटन मिल जायेगा। 

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