Computer all parts short review
कंपयूटर के सभी भागों का संक्षिप्त विवरण
दोस्तों हमारे पिछले पोस्ट में हमने आपको बताया था, कि कंप्यूटर के कितने प्रकार के भाग होते हैं, उनके कितने प्रकार के पार्ट्स होते है। कितने प्रकार के उसमें उपकरण जुड़े होते हैं, और आज के इस पोस्ट में हम उन सभी उपकरणों को एक-एक करके संक्षिप्त में जानेंगे, कि वह क्या कार्य करते हैं, और कंप्यूटर में उनकी भूमिका क्या है। तो आइए बिना वक़्त गवाए, हम आज का यह पोस्ट शुरू करते हैं, और दोस्तों अगर आपने अब तक हमारा पिछला पोस्ट नहीं पड़ा है, तो हमारा पिछला पोस्ट जरूर पढ़ें जिसका लिंक आपको दे दिया जाएगा तो चलिए आज के टॉपिक शुरू करते हैं।मदरबोर्ड (Motherboard)
motherboard |
दोस्तों मदरबोर्ड कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। कंप्यूटर में जो भी उपकरण होते हैं, वह सभी उपकरण मदरबोर्ड से ही कनेक्ट होते हैं, चाहे वह डीवीडी राइटर हो, सीडी राइटर हो, कैबिनेट हो, एस. एम. पी. एस.(S.M.P.S.) हो, या स्पीकर। कोई भी चीज हो ए टू जेड। सभी चीजें इसी से ही कनेक्ट होती है। यही वह उकरण है, जो कि कंप्यूटर में लगे सभी कंपोनेंट को चलाने का कार्य करता है, और उन सब में तालमेल बनाकर निर्देशों को प्रवाहित करता है।
एक मदरबोर्ड आकार और प्रकार के अनुसार कई प्रकार के हो सकते हैं। लेकिन इनमें कुछ कॉम्पोनेन्ट सभी मदरबोर्ड पर एक जैसे होते हैं। मदरबोर्ड के बिना हमारा कंप्यूटर कोई काम का नहीं है। यही सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। दोस्तों मदर बोर्ड के ऊपर में एक अलग से पोस्ट लिख दूंगा। जिसमें कि आपको मदरबोर्ड में लगी हुई हर एक चीज के बारे में पता चल जाएगा।
सी.पी.यू (CPU) Central Processing Unit
cpu |
दोस्तों आमतौर पर लोग कैबिनेट को सीपीयू करते हैं, पर यह बिल्कुल ही गलत है। एक्चुअली सीपीयू कंप्यूटर का दिमाग होता है। जिसका दूसरा नाम प्रोसेसर (Processor) भी होता है। ज्यादातर लोग सीपीयू को प्रोसेसर के नाम से भी जानते हैं। यही वह डिवाइस होता है, जो कंप्यूटर के सभी प्रोग्राम को प्रोसेस करता है, और उनको चलाता है। प्रोसेसर कई प्रकार के पाए जाते जिसके लिए अलग से पोस्ट लिख दिया जाएगा। जो आप आगे पड़ेंगे।
इतना जान लीजिए कि यह कंप्यूटर का एक दिमाग होता है, जो कि सभी चीजों को कंट्रोल करने का कार्य करता है।
मॉनिटर (monitor)
monitor |
दोस्तों मॉनिटर को विजुअल डिस्प्ले यूनिट कहा जाता है। जिसे एक केबल द्वारा मुख्य मशीन से जोड़ा जाता है।
दोस्तों हम कंप्यूटर में जो भी कार्य करते हैं, वह सब कुछ हमें मॉनिटर पर ही दिखाई देता है, और मॉनिटर को कुछ लोग डिस्प्ले भी बोलते हैं। कुछ लोग स्क्रीन बोलते हैं। यह कई प्रकार के पाए जाते हैं। जिसके बारे में मैं अलग से पोस्ट लिख दूंगा। जिसके बारे में आप आगे की पोस्ट में पड़ेंगे।
रैम (RAM) Random Access Memory
ram |
दोस्तों आमतौर पर रैम के बारे में लोग यह जानते है, कि यह कंप्यूटर की स्पीड बढ़ाता है। पर यह बिल्कुल ही गलत है। क्योंकि कंप्यूटर की स्पीड रैम के ऊपर निर्भर नहीं करती है। वह कंप्यूटर के सीपीयू के ऊपर निर्भर करता है, और सीपीयू के अंदर लगे हुए कैश मेमोरी के ऊपर निर्भर करता है। कि कैश मेमोरी कितनी ज्यादा है। रैम तो बस एक टेंपरेरी मेमोरी होती है। रैम में information और data तब तक मौजूद रहता है, जब तक कंप्यूटर चल रहा है। हम कंप्यूटर में जो भी कार्य करते हैं, वह सभी इसी के अंदर रहता है, और जब हम किसी भी डॉक्यूमेंट को सेव करते हैं, तो वह रैम से होकर हमारे कंप्यूटर के हार्ड डिक्स में सेव हो जाता है। जिसे HDD भी कहा जाता है।
दोस्तों रैम का फुल फॉर्म रेंडम एक्सेस मेमोरी होता है।
कंप्यूटर सिस्टम की व इकाई जो सूचनाओं को स्थाई अस्थाई रूप से संचित करने का कार्य करें उन्हें रैम का जाता है।
हार्ड डिक्स ड्राइव (HDD) hard disk drive
hard disk drive |
दोस्तों हम कंप्यूटर में जो भी कार्य करते हैं, जो कुछ भी सेव करते हैं। चाहे वह गाना हो, वीडियो हो, कोई डॉक्यूमेंट हो, या कुछ भी हो। ए टू जेड। हम जो भी सेव करते हैं, वह सभी हार्ड डिक्स में ही सेव होते हैं। जिस प्रकार आपके मोबाइल में मेमोरी कार्ड होता है, जिसमें आप गाने सेव करते हैं। उसी प्रकार हमारे कंप्यूटर में हार्ड डिक्स होता है। जिसमें हम हमारे सभी डॉक्यूमेंट और गाने सब कुछ सेव करते हैं।
Floppy Disk Drive (FDD) फ्लॉपी डिस्क ड्राइव
floppy disk drive |
दोस्तों आज के जमाने में पेनड्राइव को कौन नहीं जानता। आप पेनड्राइव से काफी सारे कार्य कर सकते हैं। पेनड्राइव में आप किसी भी तरह का गाना, वीडियो, ऑडियो, मूवीस वगैरह सब कुछ लोड कर सकते हैं। तथा एक पेन ड्राइव में सेव कर के दूसरे कंप्यूटर में भी सेव कर सकते हैं। उसी प्रकार फ्लॉपी डिस्क पहले के जमाने में यूज में लिया जाता था।
यह ठीक पेनड्राइव की तरह ही काम में आता था। जिस प्रकार आप पेनड्राइव में किसी भी गाने डॉक्यूमेंट और फिल्मों को सेव कर सकते हैं। उसी प्रकार आप फ्लॉपी डिस्क में भी सेव कर सकते थे, और जिस प्रकार आज के जमाने में विंडो चढ़ाने के लिए पेनड्राइव का उपयोग किया जाता है। सीडी ड्राइव का उपयोग किया जाता है। उसी प्रकार पहले के जमाने में फ्लॉपी डिस्क ड्राइव का उपयोग किया जाता था। पर जब से पेनड्राइव आ गया और डीवीडी राइटर आ गया, तब से फ्लॉपी डिस्क का उपयोग बिल्कुल ही खत्म हो गया है।
CD writer
CD writer |
दोस्तों आपने कभी ना कभी सीडी प्लेयर देखा होगा। जिसमें कि आप गाने सुन सकते थे, और मूवीस देख सकते थे। उसी प्रकार हमारे कंप्यूटर में भी सीडी राइटर आता है। जिसके अंदर आप सीडी डालकर अपने कंप्यूटर में किसी भी डाटा को ट्रांसफर कर सकते थे, या विंडो चढ़ा सकते थे। सीडी राइटर का उपयोग आज के जमाने में नहीं किया जाता। क्योंकि आज के जमाने में सीडी राइटर मिलता ही नहीं है, यह सिर्फ आपके नॉलेज के लिए था। इसलिए आपको बता दिया गया है।
DVD writer
DVD writer |
दोस्तों आज के जमाने में हम अपने टीवी में गाने सुनने तथा मूवीस देखने के लिए, जो डीवीडी प्लेयर को यूज में लेते हैं, उसी प्रकार हमारे कंप्यूटर में भी डीवीडी राइटर आता है। वह एक तरह से प्लेयर ही है, पर इसमें आप सीडी को रीड भी कर सकते हैं, और राइट भी कर सकते हैं। मेरा मतलब के आप सी डी में गाना वगैरह सुन भी सकते हैं, और उसको अपने हार्ड डिक्स में सेव भी कर सकते हैं। और साथ ही साथ अपने हार्ड डिक्स की जो भी चीज है, जो भी आप सेव करना चाहे, वह आप अपनी डीवीडी राइटर के जरिए डीवीडी में सेव कर सकते हैं। इसीलिए डीवीडी राइटर आज के जमाने में सबसे ज्यादा प्रचलित है।
कैबिनेट (Cabinet)
कैबिनेट (Cabinet) |
दोस्तों कैबिनेट कंप्यूटर का वह भाग है, जिसमें कि कंप्यूटर के सभी एसेसरीज उसके अंदर ही इंस्टॉल होती है। मेरा मतलब कि कंप्यूटर के जितने भी कॉम्पोनेंट है, चाहे वह मदरबोर्ड हो, कीबोर्ड, माउस हो, एस.एम.पी.एस हो। वह सभी इसी कैबिनेट से कनेक्ट होते हैं, और इसी के अंदर ही सभी फिट किए जाते हैं। यह कंप्यूटर का बाहरी ढांचा ( आवरण ) होता है।
SMPS
SMPS |
दोस्तों एसएमपीएस कंप्यूटर की पावर सप्लाई होती है। जिससे कि कंप्यूटर को पावर मिलती है, और इसी एस.एम.पी.एस के जरिए ही कंप्यूटर के हर एक पार्ट को बिजली मिलती है।
स्पीकर (Speaker)
speaker |
दोस्तों आप कंप्यूटर में जो भी कार्य करते हैं, चाहे वह गाना सुन रहे हो, या मूवीस देख रहे हो, तो इसमें जो आवाज आती है, कंप्यूटर से। वह आवाज स्पीकर से ही आती है।
दोस्तों कैबिनेट को आमतौर पर लोग सीपीयू करते हैं, पर यह बिल्कुल ही गलत है।
सीपीयू के बारे में आपको ऊपर बता दिया गया है।
Mouse
Mouse |
दोस्तों माउस एक करसर कंट्रोलिंग तथा पॉइंटिंग उपकरण है, अर्थात माउस द्वारा कंप्यूटर स्क्रीन पर कंट्रोल को नियंत्रित किया जाता है। आपने देखा होगा जब आप कंप्यूटर में प्वाइंटर को इधर-उधर करते हैं, तो वह जिस उपकरण से नियंत्रित होता है, उसी उपकरण को हम माउस कहते हैं। माउस कर्सर को इधर उधर हीलाने तथा उस को निर्देश देने के कार्य करता है।
प्रिंटर (printer)
प्रिंटर (printer) |
दोस्तों प्रिंटर का उपयोग हम तब करते हैं, जब हमें कंप्यूटर से किसी चीज को बाहर आउटपुट में लेना होता है। मान लीजिए आपका कोई डॉक्यूमेंट है। उसको अगर आपको फिजिकल तौर पर चाहिए, तो आप उसका प्रिंट निकालते हैं, अर्थात उसका छवि एक कागज पर प्रिंट करते हैं। तो जिस मशीन के द्वारा आप उसके फोटो को एक पेपर पर प्रिंट करते हैं, उसी चीज को हम प्रिंटर कहते हैं, अर्थात उस मशीन को हम प्रिंटर कहते हैं।
स्केनर
स्केनर |
दोस्तों स्केनर का उपयोग हम तब करते हैं, जब हमें किसी चीज को स्कैन करना होता है। मान लीजिए आपके पास कोई पेपर है, और पेपर में कुछ लिखा हुआ है। उस पेपर में लिखे हुए, जिसको आप को कंप्यूटर पर लेना है, तो आप उसको स्केनर की सहायता से स्कैन करके, सेम टू सेम आप अपने कंप्यूटर में सेव कर सकते हैं।
यह पेपर के सभी वर्ड्स को स्कैन करके या कोई छवि है, उस चीज को स्कैन करके हमें कंप्यूटर पर दिखाता है।
फैक्स मशीन
फैक्स मशीन |
दोस्तों जब हमें किसी भी डॉक्यूमेंट को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाना होता है, तो उस अवस्था में हम जिस मशीन का उपयोग करते हैं। उस मशीन को फैक्स मशीन कहा जाता है। इसके कार्य करने की क्षमता बहुत ही तेज होती है। मान लीजिए आपके पास कोई पेपर है। उस पेपर को आपको करीब 100 किलोमीटर या हजार किलोमीटर दूर भेजना है, तो आप अपने कंप्यूटर में एक क्लिक करेंगे, और वह डॉक्यूमेंट अर्थात यह पेपर जिस कंप्यूटर में आप भेजना चाहते हैं, जितनी दूर भेजना चाहते हैं, वहां पर प्रिंट होकर निकल जाएगी।
आई.डी.ई. केबल (IDE Cable)
आई.डी.ई. केबल (IDE Cable) |
दोस्तों यह केबल आम तौर पर अपने कंप्यूटर में सीडी राइटर और डीवीडी राइटर को, कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए काम में लिया जाता है, और इससे आप अपने हार्ड डिक्स को भी कनेक्ट कर सकते हैं, अपने कंप्यूटर से।
साटा केबल (SATA Cable)
साटा केबल (SATA Cable) |
दोस्तों पहले के जमाने में लोग आईडी केबल यूज में लेते थे। पर आज के जमाने में लोग आईडी केबल का उपयोग बहुत ही कम लेते हैं। ज्यादातर आपको साटा केबल का ही उपयोग देखने को मिलेगा। इससे आप अपने कंप्यूटर के हार्ड डिक्स तथा डीवीडी राइटर को कनेक्ट कर सकते हैं।
पावर केबल (POWER Cable)
पावर केबल (POWER Cable) |
दोस्तों आप मान लीजिए की आप ने कंप्यूटर बना लिया। अब उसको चालू करने के लिए पावर की जरूरत पड़ेगी। तो कंप्यूटर को पावर देने के लिए जिस केबल का उपयोग लिया जाता है। उस केबल को पावर केबल कहा जाता है। पावर केबल से ही कंप्यूटर को पावर मिलता है।
वी.जी.ए केबल (VGA Cable)
वी.जी.ए केबल (VGA Cable) |
दोस्तों वी.जी.ए केबल की सहायता से आप, अपने एलसीडी, एलईडी तथा सीटीआर को अपने कंप्यूटर से अर्थात कंप्यूटर में लगे मदरबोर्ड से कनेक्ट कर सकते हैं। इसी केबल की सहायता से ही आपका एलसीडी कनेक्ट हो पाता है।
sound card
sound card |
दोस्तों अगर आपके कंप्यूटर में ऑडियो पोर्ट खराब हो जाता है, तो हम साउंड कार्ड लगाकर अपने ऑडियो से संबंधित प्रॉब्लम को सॉल्व कर सकते हैं, अर्थात दूर कर सकते हैं।
ग्राफिक कार्ड (Graphic card)
ग्राफिक कार्ड (Graphic card) |
दोस्तों कुछ लोग कंप्यूटर में गेम खेलने के बड़े शौकीन होते हैं। कुछ गेम तो कंप्यूटर में चल जाते हैं। पर कुछ गेम कंप्यूटर में सपोर्ट नहीं करते हैं। उसका सबसे बड़ा कारण नहीं होता है, कि कंप्यूटर की ग्राफिक मेमोरी बहुत कम होती है। पर जब हमें हाई डेफिनेशन के गेम्स अपने कंप्यूटर में खेलने होते हैं, तो हम ग्राफिक कार्ड लगाते हैं। जिससे कि हमारे कंप्यूटर की ग्राफिक कैपेसिटी बढ़ जाती है, और हम आसानी से हाई डेफिनेशन एचडी गेम खेल सकते हैं।
extension card
extension card |
दोस्तों इसका प्रयोग कंप्यूटर के साथ अन्य कंप्यूटर उपकरणों को जो जोड़ने के लिए किया जाता है। इससे इंटरफेस कार्ड भी करते हैं। अलग-अलग उपकरणों के लिए अलग-अलग इंटरफेस कार्ड का उपयोग किया जाता है।
network interface card
network interface card |
दोस्तों आमतौर पर नेटवर्क इंटरफेस कार्ड को लेन कार्ड भी कहा जाता है, इसका उपयोग ज्यादातर नेटवर्क शेयरिंग के लिए किया जाता है। इसको कुछ लोग लेन पोर्ट भी कहते हैं। इसकी सहायता से आप दो कंप्यूटर को आपस में जोड़ सकते हैं, और इसका सबसे ज्यादा उपयोग नेटवर्किंग के लिए किया जाता है।
कम्युनिकेशन पोर्ट
कम्युनिकेशन पोर्ट |
प्रिंटर मॉडेम और स्कैनर आदि को कनेक्ट करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह कई प्रकार के पाए जाते हैं, जिसमें सीरियल पोर्ट भी आते हैं। पेरेलल पोर्ट भी आते हैं।
multi USB कार्ड
multi USB कार्ड |
दोस्तों इसका उपयोग तब किया जाता है, जब हमें एक से ज्यादा यूएसबी पोर्ट की जरूरत पड़ती है। मान लीजिए आपके कंप्यूटर में दो ही यूएसबी पोर्ट है, और आपको और भी यूएसबी पोर्ट की जरूरत है। तो आप मल्टी यूएसबी कार्ड लगाकर अपने कंप्यूटर में यूएसबी पोर्ट की संख्या को बढ़ा सकते हैं।
आप ने क्या सीखा :-
दोस्तों आज के इस पोस्ट में हमने यह जाना के, एक नॉर्मल कंप्यूटर जो आम लोग यूज में लेते हैं। उस कंप्यूटर में कितने प्रकार के पार्ट्स आते हैं, वैसे तो कहीं सारे चीजों के बारे में मैंने अभी तक बताया नहीं है, कई सारे पार्ट्स के बारे में आपको बताया नहीं गया है। पर वह धीरे-धीरे आपको पता चल जाएगा जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते रहेंगे। वैसे वैसे आप सीखते रहेंगे। तो आज का पोस्ट आपको कैसा लगा। हमें कमेंट करके जरूर बताइए।
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