Ram full details in hindi
दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम यह जानेंगे की रैम कितने प्रकार के पाए जाते हैं। और उनकी क्या स्पीड होती है। और साथ ही साथ यह जानेंगे, कि उनकी कैपेसिटी क्या है। वह किस सन में बना था। इन सब चीजों के बारे में आज के इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे। मुख्यतः जो हाल ही में कुछ सालों में आए हैं, उनके बारे में इस पोस्ट में हम चर्चा करेंगे। बाकी जो पुराने रैम थे, उनके बारे में हमने पीछे पोस्ट लिख दिया है। तो अगर आपको पुराने रैम के बारे में जानना है, तो आप पीछे वाली पोस्ट को पढ़ लीजिए।
रैम ( RAM ) का Full Form
दोस्तों रैम ( RAM ) का Full Form रेण्डम एक्सेस मेमोरी ( Random access memory ) है।
सामान्यतः आज के जमाने में हर कोई इस बात को जनता है , पर आज के इस पोस्ट में हम रैम को और भी ज्यादा अच्छी तरह से जानेंगे और उस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
रैम का क्या कार्य है? ( What is the function of RAM? )
सामान्य टूर पैर लोग यह जानते है, कि रैम कंप्यूटर की स्पीड को बढ़ता है। पर यह बात पूरी तरह से सही नहीं है। अगर आप को रेम के बारे में शार्ट में समझाऊ तो वह कुछ इस प्रकार होगा।रैम एक टेम्प्रेरी मेमोरी है। दोस्तों हम कंप्यूटर में जो भी कार्य कर रहे होते है, वो चाहे आप कोई भी ऍप्लीकेशन चला रहे हो या कोई गाना सुन रहे हो या कोई मूवी देख रहे हो या कोई डॉक्यूमेंट बना रहे हो, वह सारा काम उस वक़्त जिस जगह save रहता है, वह जगह रेम होती है। और आप के कंप्यूटर के बंन्द होते ही या उस सॉफ्टवेयर के बंन्द होते ही वह सारा इनफार्मेशन रेम से डिलीट हो जाता है, और रैम खली हो जाता है।
अगर आप के द्वारा किए गए कार्य को आप अपने कंप्यूटर के हार्डडिस्क में सेव नहीं करते है, तो आप के द्वारा किया गया सारा कार्य डिलीट हो जायेगा। क्योकि वह सारा कार्य हार्डडिस्क में सेव होने से पहले रेम में ही चलता रहता है, इसलिए रैम को टेम्प्रेरी मेमोरी कहा जाता है।
दोस्तों रेम के कार्य के बारे में, हम एक अलग से पोस्ट लिखने वाले है, जिस में रैम का क्या कार्य है? उस के बारे में विस्तार से बताया जायेगा। और उस का लिंक भी आप को बता दिया जायेगा।
अब हम आज के जमाने में काम में आ रहे रैम के बारे में जानेंगे।
RAM Types |
DDR 1 RAM ( डी डी आर 1 रैम )
दोस्तों पिछली पोस्ट में हमने कई सारे रैम के बारे में जाना था। और उन सभी राम के बाद, जब ddr1 रैम का आविष्कार हुआ। तब असल में जो हमारे कंप्यूटर में काम करने की स्पीड है, उसको गति मिली। वह इसी रैम के आने के बाद ही हुई।
अगर सीधे शब्दों में आपको बताऊं तो, जिस प्रकार पहले के जमाने में साइकल चलते थे, और जब टू व्हीलर और फोर व्हीलर आए। उसके बाद से हमारे ट्रांसपोर्टेशन का नजरिया ही बदल गया, और उसका बहुत बड़ा प्रभाव यातायात पर पड़ा। और सब कुछ तेजी से बदलने लगा।
उसी प्रकार जब ddr1 रैम आई, तो उसके बाद से बहुत ही स्पीड से हमारे कंप्यूटर में कार्य होने लगे, और इनकी कैपेसिटी भी बहुत ज्यादा थी। यह रैम 256 MB से लेकर 2GB तक के आते थे। और इनकी स्पीड 100 मेगा हर्ट्ज से ले कर 400 मेगा हार्ट्स तक थी।
दोस्तों यह रैम 2003 से लेकर 2005 के बीच में आई है, और यह उस जमाने में काफी ज्यादा महंगा मिलता था। और यह रैम 2.5 voltage पर कार्य करता था।
DDR2 RAM ( DDR2 रैम )
दोस्तों यह रैम पहले वाले रैम से भी बहुत ही ज्यादा अच्छा था। क्योंकि यह सीधी सी बात है, कि जिस प्रकार कोई टेक्नोलॉजी अपग्रेड होती है, आगे बढ़ती है। तो उसकी पावर भी बढ़ जाती है, और बिजली की खपत भी कम हो जाती है। उसी प्रकार यह रैम 200 मेगाहर्ट्ज से लेकर 800 मेगाहर्ट्ज तक के आते थे। और ज्यादातर यह रैम 256mb से लेकर 4GB तक के आते थे। और यह रैम 2007 से 2009 के बीच में आया था। और जो रैम में Pins होती थी, उन Pin की संख्या भी बढ़ने लगी। जैसे जैसे रैम अपग्रेड होता गया। वैसे-वैसे पिन भी बढ़ते गए। DDR2 में ज्यादातर 240 पिन के रैम आते थे।
डीडीआर 3 रैम ( DDR 3 RAM )
दोस्तों ddr3 रैम में भी 240 पिन ही आते थे, और उससे ज्यादा के भी कुछ एक मॉडल में आते थे। दोस्तो ddr3 रैम आज के जमाने में सबसे ज्यादा यूज में लिया जाने वाला रैम है, और इसकी पापुलैरिटी भी बहुत ज्यादा है। यह रैम 400 मेगाहर्ट्ज से लेकर 1600 मेगाहर्ट्ज तक के आते हैं। और कुछ इनसे ज्यादा के भी आते हैं।
और इनकी कैपेसिटी भी 1GB से लेकर 8GB तक के आते हैं। और यह भी हो सकता है, कि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ती रहेगी। इसकी कैपेसिटी भी और ज्यादा बढ़ती रहेगी। मेरा मतलब के रैम ddr3 ही रहेगा। पर उसकी कैपेसिटी बढ़ जाएगी।
और यह रैम 1.5 वोल्टेज पर कार्य करती है। और इसके क्लॉक की स्पीड भी बहुत ज्यादा है।
डीडीआर 4 रैम ( ddr4 Ram )
दोस्तों यह रैम 800 मेगाहर्ट्ज से लेकर 3200 मेगाहर्ट्ज तक के मिलते हैं। और इस रैम की कैपेसिटी 4GB से लेकर 32GB तक के मिल जाते हैं। और कुछ मामलों में यह रैम 64GB तक के आते हैं। यह लेटेस्ट में आया हुआ रैम है, जो कि अभी सबसे ज्यादा चल रहा है। और जो भी अभी के नए मदरबोर्ड आ रहे हैं, उन सभी मदरबोर्ड में ddr4 रैम ही आपको देखने को मिलेगा। और कुछ मदरबोर्ड में ddr3 रैम देखने को मिलेगा। इस रैम की शुरुआत लगभग 2012 में ही हो गई थी, पर आम लोगों तक इसकी पहुंच नहीं थी। पर अभी ddr4 रैम बड़ी आसानी से मार्केट में मिल जाता है।
दोस्तों ddr4 रैम 1.2 वोल्ट पर कार्य करता है। इससे आप यह जान सकते हैं, कि यह रैम कितना कम वोल्टेज लेता है, और कितने कम वोल्टेज की खपत होती है। और अभी भविष्य में ddr5 रैम भी आने वाला है, जो कि 1.1 वोल्ट का होगा।
No comments:
Post a Comment