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Saturday, September 21, 2019

सीडी और डीवीडी की पूरी जानकारी | cd and dvd difference

सीडी और डीवीडी की पूरी जानकारी | cd and dvd difference 

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम सीडी ( CD ) और डीवीडी ( DVD ) के बीच अंतर करेंगे। की सीडी और डीवीडी में क्या फर्क होता है, और यह किस तरह से बना होता है। इन का फुल फॉर्म क्या होता है। साथ ही साथ इनके बारे में और भी कई चीजें हम जानेंगे। जो कि आम लोगों को पता नहीं होती है। तो चलिए अब बिना वक्त आज का यह टॉपिक स्टार्ट कर लेते हैं।

तो दोस्तों सबसे पहले हम सीडी और डीवीडी का फुल फॉर्म जान लेते हैं।

CD DVD full form


CD ----  CD का full form " compact disc " होता है।

DVD --- DVD ka full  form " digital versatile disc और  digital video disc होता है।

सीडी क्या है ? और सीडी का विकास


दोस्तों जैसा कि आप लोग जानते हैं, की पुराने जमाने में रील वाले कैसेट मिलते थे। उसके बाद सबसे पहले 1979 के दशक में फिलिप्स और सोनी कॉरपोरेशन ( Philips and Sony Corporation ) ने एक सीडी का निर्माण किया। जिसे कॉम्पैक्ट डिस्क ( compact disc ) कहा जाने लगा। और कुछ लोग इसे उस वक्त डिजीटल ऑडियो स्टैंडर्ड ( Digital Audio Standard ) के नाम से भी जानते थे।

CD का निर्माण


दोस्तों सीडी का निर्माण पॉली कार्बोनेट बफर से किया गया। यह एक तरह का मैटेरियल होता है, इसी से ही सीडी बना था। और इस सीडी का आकार 120 मिलीमीटर के डायमीटर का होता है, और इसकी मोटाई 1.2 मिलीमीटर होती है।

CD के बीचो-बीच 15 मिलीमीटर का एक होल होता है। जिसके पास ही एक सिंगल फिजिकल ट्रैक बना होता है।

 डीवीडी क्या है और डीवीडी का विकास


 दोस्तों सीढ़ी पहले के जमाने में यूज किया जाता था। पर जब डीवीडी का नंबर आया, तो सीढ़ी मार्केट से गायब ही हो गया। और सीडी का यूज़ लेना लोगों ने बंद कर दिया। डीवीडी सर्वप्रथम 1995 के करीब आया था। और डीवीडी के अंदर 4.7 GB से लेकर 17 GB तक का डाटा स्टोर हो सकता था, और डीवीडी की क्षमता सीडी से 11 से 12 गुना अधिक हो सकती है।

दोस्तों अब हम एक इमेज की सहायता से सीडी को समझते हैं।
सीडी और डीवीडी की पूरी जानकारी | cd and dvd difference
सीडी और डीवीडी की पूरी जानकारी

दोस्तों सीडी में जो आपको चमकीला चमकीला जो भी भाग दिखाई देता है, जो चमकता रहता है। वह प्रोग्राम एरिया होता है। फिर इसके अंदर आपने एक छेद देखा होगा। वह छेद 15 mm का होता है। और इसके पास ही आप देखेंगे, कि एक पट्टी चलती रहती है। एक्चुअल में यह दो पट्टी होती है। एक जो बड़ा वाला सर्कल होता है। वह 25 एमएम का होता है। और एक जो छोटा सर्कल होता है वह 23mm का होता है। और पूरे सीडी का डायमीटर 120mm होता है।

दोस्तों अब हम जानते हैं, कि सीडी और डीवीडी किस तकनीक पर आधारित होते हैं।

सीडी और डीवीडी किस तकनीक पर आधारित होते हैं ?


इन दोनों में कोई ज्यादा फर्क नहीं होता है। इन दोनों का डायमीटर 120mm ही होता है। और दोनों ही मेरा मतलब के सीडी और डीवीडी दोनों ही पॉली कार्बोनेट बेस से ही बना होता है। अर्थात उस पर ही आधारित होता है। यह इन दोनों के मुख्य अंतर है। सीडी में सिर्फ एक लेयर होता है, और डीवीडी में 2 लेयर पाए जाते हैं। जिसकी वजह से सीडी के मुकाबले डीवीडी की क्षमता बहुत ही ज्यादा होती है।

सीडी सिंगल लेयर की होने की वजह से इसमें सिर्फ एक साइड ही डाटा स्टोर किया जा सकता है। इसीलिए इसमें सिर्फ 700mb तक का ही डाटा स्टोर किया जा सकता है। पर dvd 2 लेयर की होती है। इसीलिए इसकी कैप्सिटी सीडी के मुकाबले काफी ज्यादा होती है। और लगभग 10 से 11 गुना ज्यादा इसकी केपेसिटी हो सकती है। इसके अलावा डीवीडी हाई डेंसिटी रिकॉर्डिंग और रीडिंग के लिए लेजर की शार्टवेव का इस्तेमाल करती है। अब हम सीडी के लेयर बारे में जानते हैं।

सीडी के लेयर ( CD ) की परतें

CD ALL layers
CD ALL layers

 दोस्तों मुख्य रूप से CD में 4 तरह की परतें पाई जाती है, जिनको हमने A , B , C , D  में बांट दिया है।

( A ) पहली परत


दोस्तों सीडी की जो पहली परत होती है, उस परत में कई सारे डॉट बने हुए रहते हैं। जिन डॉट में सारा डाटा स्टोर रहता है। यह पॉली कार्बोनेट डिस्क होता है।

( B ) दूसरी परत 


दूसरी परत एक चमकदार परत होता है। जो लेजर को प्रतिबिंबित अर्थात लेजर को रिफ्लेक्ट करने का कार्य करता है।

( C ) तीसरी परत 


यह परत चमकदार परत को सेफ रखने का कार्य करता है, अर्थात तीसरी परत दूसरी परत की रक्षा करने का कार्य करता है।

( D ) चौथा परत


यह सबसे ऊपर वाला परत होता है, और इसी के ऊपर ही सीढ़ी की कंपनी का नाम लिखा हुआ होता है। साथ ही कुछ चित्र बने हुए रहते हैं।

( E ) लेजर 

यह लेजर होता है, जो कि सीडी के डाटा को रीड करने का कार्य करता है। जिसका इमेज आप को दिख रहा होगा।

सीडी का उपयोग


 सीडी का उपयोग डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए, या अपने  पर्सनल छवियों को सेव रखने के लिए सीडी का उपयोग होता था। और साथ ही साथ यह मल्टीमीडिया अनुप्रयोग में अर्थात गाना सुनने और मूवी देखने के लिए भी इस का उपयोग किया जाता था। साथ साथ आप इसमें अपने ऑफिस के डॉक्यूमेंट भी सेव रख सकते थे। जिस तरह से आज के जमाने में पेन ड्राइव्स यूज़ में ली जाती है। ठीक उसी तरह उस जमाने में सीडी यूज़ में ली जाती थी। दोस्तों अब हम डीवीडी के प्रकार के बारे में समझेंगे के डीवीडी कितने प्रकार की पाई जाती है।

डीवीडी ( DVD ) के प्रकार


दोस्तो डीवीडी कई प्रकार के पाए जाते हैं, जिनके बारे में मैं अलग-अलग आपको समझाता हूं, स्टेप बाय स्टेप।

DVD-ROM ( डीवीडी रोम ) 


दोस्तों dvd-rom मैं जो रोम शब्द यूज किया गया है, इस रोम का पहले फुल फॉर्म हम जान लेते हैं। रोम शब्द का फुल फॉर्म रीड ओनली मेमोरी ( Read only memory ) होता है। मतलब के एक ऐसा मेमोरी जिसको खाली रीड किया जा सकता है, अर्थात इसे सिर्फ पढ़ा जा सकता है।
तो रोम से आप समझ ही गए होंगे, कि dvd-rom का क्या मतलब होता है। अर्थात एक ऐसा डीवीडी जिस डीवीडी को खाली हम रीड कर सकते हैं, अर्थात उसको पढ़ सकते हैं, उसके अंदर कुछ स्टोर नहीं कर सकते हैं।

डीवीडी माइनस आर डीवीडी प्लस आर ( DVD-R and DVD+R )


दोस्तों यह दोनों ही प्रकार के डीवीडी को हम एक ही बार उसमें कोई डाटा स्टोर कर सकते हैं, अर्थात इन दोनों प्रकार के डीवीडी में हम सिर्फ एक ही बार डाटा को मिटा कर उसमें नया डाटा डाल सकते हैं, नया इंफॉर्मेशन डाल सकते हैं।
उसके बाद यह  DVD, डीवीडी रोम बन जाती है, अर्थात उसके बाद हम इसको खाली रीड कर सकते हैं, इसमें कुछ राइट नहीं कर सकते।

DVD + RW

दोस्तों यह डीवीडी काफी ज्यादा लोकप्रिय डीवीडी  है, और सबसे ज्यादा महंगा डीवीडी यही आता है। क्योंकि इस डीवीडी को आप बार-बार रीड भी कर सकते है। और बार-बार राइट भी कर सकते हैं। अर्थात इसके अंदर के डाटा को आप बार-बार देख भी सकते हैं, और इसके अंदर के डाटा को डिलीट करके वापस इसमें नया डाटा डाल भी सकते हैं। यह एक पेनड्राइव की तरह कार्य भी करता है। इसीलिए ही या सबसे ज्यादा फेमस है। 

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