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Saturday, August 31, 2019

11:35 PM

कंप्यूटर संरचना (Computer structure)

कंप्यूटर संरचना (Computer structure)

कंप्यूटर संरचना (Computer structure)
कंप्यूटर संरचना (Computer structure)

दोस्तों पिछली पोस्ट में हमने पढ़ा था, कि कंप्यूटर की परिभाषा क्या होती है, और आज के इस पोस्ट में हम कंप्यूटर के अंदर की संरचना को समझेंगे। की कंप्यूटर किन-किन चीजों से मिलकर बना होता है, और इसके कितने भाग होते हैं। तो चलिए अब हम कंप्यूटर की संरचना को समझते हैं।

दोस्तों कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, यह अपने आप कोई भी कार्य नहीं करती है। इसको किसी भी कार्य को करने के लिए आदेश देना पड़ता है, अर्थात इनको बताना पड़ता है, कि आप यह काम करें, और  जब यूजर कोई भी आदेश कंप्यूटर को देता है, तो कंप्यूटर उसको इनपुट के रूप में ग्रहण करती है, और उसको प्रोसेस करती है, अर्थात उसको कैलकुलेट करती हैं, कि किस तरह से उस आदेश को पूरा किया जाए, और जब कंप्यूटर उस आदेश को अच्छी तरह से कैलकुलेट कर लेती है, अर्थात उस आदेश को अच्छे से प्रोसेस कर लेती है। तब वह आउटपुट के रूप में हमें परिणाम प्रदर्शित कर देती है।
दोस्तों कंप्यूटर इन सभी कार्य को करने के लिए किसी भी एक कॉम्पोनेंट पर निर्भर नहीं होती है। यह कई सारे उपकरणों को एक साथ यूज में लेती है, और परिणाम के रूप में हमें अपना परिणाम दे देती है।

कंप्यूटर की आंतरिक संरचना को कार्य के आधार पर 4 भागो में बांटा गया है, जो की निम्न है :-


  1. input unit ( इनपुट यूनिट )
  2. output unit ( आउटपुट यूनिट )
  3. memory unit ( मेमोरी यूनिट )
  4. Processing Unit ( प्रोसेसिंग यूनिट )

कंप्यूटर को मुख्य रूप से इन चार भागों में बांटा गया है, अब हम इन चारों के बारे में एक-एक करके समझते हैं।  कि यह आखिर क्या है।

(1) input unit ( इनपुट यूनिट )

कंप्यूटर सिस्टम में डाटा को इनपुट करने, तथा कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए जो उपकरण काम में आते हैं, उन सभी  उपकरणों को इनपुट यूनिट का जाता है। इनपुट यूनिट के जो महत्वपूर्ण कार्य होते हैं, वह निम्नलिखित है :-


  1. यूजर द्वारा जो भी निर्देश दिए जाते हैं, उन सभी निर्देशों को स्वीकार करने का कार्य इनपुट यूनिट करते हैं। 
  2. इनपुट किए गए डेटा को इस रूप में बदलना की कंप्यूटर डाटा को आसानी से समझ सके। 
  3. इनपुट डाटा को प्रोसेसिंग प्रक्रिया के लिए आगे भेजने का काम इनपुट यूनिट करती है। 


(2) output unit ( आउटपुट यूनिट )

दोस्तों आउटपुट यूनिट उन उपकरणों को कहा जाता है, जो उपकरण हमें परिणाम दिखाते हैं, तथा फिजिकल तौर पर हमें अपना परिणाम देते हैं। उन उपकरणों में कुछ उपकरण निम्न है :-

कंप्यूटर का मॉनिटर

मॉनिटर में जो कुछ भी दिखाता है, वह सब कुछ हमें आउटपुट के रूप में ही दिखता है। इसलिए इसे आउटपुट यूनिट कहा जाता है।

प्रिंटर

प्रिंटर जब भी कोई पेज प्रिंट करता है, तो वह आउटपुट के रूप में ही प्रिंट करता है।

आउटपुट यूनिट के कार्य


  1. सूचनाओं को प्राप्त करना। 
  2. परिणामों को प्राप्त करना। 
  3. किसी भी सूचना को यूज़र के समझने योग्य बनाना। 
  4. प्राप्त सूचना को प्रदर्शित करना। 

(3) memory unit ( मेमोरी यूनिट )

जब हम इनपुट किए गए डेटा को सेव करते हैं, तो वह डाटा और सूचना जहां पर सेव रहती है, वह भाग अर्थात वह उपकरण मेमोरी यूनिट का जाता है, अर्थात जिस प्रकार हमारा मोबाइल फोन होता है, उसमें हम कोई भी गाना या हमारा कोई भी डॉक्यूमेंट वगैरह सेव करते हैं, तो वह सब हमारे फोन की मेमोरी में सेव होता है। उसी मेमोरी को मेमोरी यूनिट कहा जाता है, और कंप्यूटर में कई प्रकार के मेमोरी यूनिट होते हैं, जिनके बारे में हम  आगे आने वाली पोस्ट पर अच्छे से जानेंगे।

(4) Processing Unit ( प्रोसेसिंग यूनिट )

दोस्तो कंप्यूटर सिस्टम का वह भाग जो कि कंप्यूटर में किए गए सभी कार्य को प्रोसेस करता है, अर्थात सभी कार्य को गणितीय तथा तार्किक रूप से संशोधित करता है, और उन सभी कार्य को नियंत्रित करता है, उस बात को प्रोसेसिंग यूनिट कहा जाता है। अगर सीधे शब्दों में मैं आपको बताऊं तो, कंप्यूटर में जो प्रोसेसर लगा हुआ होता है, जिसको सीपीयू कहा जाता है, वह सीपीयू कंप्यूटर में किए गए सभी गतिविधियों को प्रोसेस करती हैं, और उसका परिणाम हमें आउटपुट के रूप में प्रदान करती है। यह सारे के सारे कार्य प्रोसेसर ही करता है, अर्थात प्रोसेसिंग यूनिट का ही यह कार्य होता है।

दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैंने यह बताने की कोशिश की है, कि कंप्यूटर कितने भागों में बटा हुआ है, और इनमें कितने तरह के यूनिट होते है, और यह यूनिट क्या होते हैं, और कौन-कौन से होते हैं। यह एक सामान्य जानकारी है, और प्रैक्टिकल अलग से होगा, जो कि मैं आपको हर एक चीज स्टेप बाय स्टेप बताऊंगा। और अभी सिर्फ आपको मौखिक जानकारी दी जा रही हैं, और बाद में इन सब को प्रैक्टिकल आपको बताया जाएगा। 

10:26 PM

कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of computer)

कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of computer)

परिचय (introduction) :-
दोस्तों आज से हम कंप्यूटर के कंपलीट हार्डवेयर इंजीनियरिंग का कोर्स स्टार्ट कर रहे हैं, जिसमें आपको थ्योरी कल से लेकर प्रैक्टिकल तक पूरा का पूरा आपको बताया जाएगा। अगर आप कंप्लीट हार्डवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं, और हर एक चीज को अच्छे से समझना चाहते हैं, तो हमारे website को सब्सक्राइब कर लीजिए, और हमारा हर एक लेख बहुत ही बड़ा होने वाला है, इसलिए मैं कहता हूं कि हमारा हर एक लेख पूरा पढ़े, और अच्छे से समझे। आप यह समझ कर चल सकते हैं, कि मैं एक किताबी भाषा को अपने तरीके से समझाने जा रहा हूं, जो आप कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियरिंग का कोर्स करते हैं, ठीक उसी प्रकार हम भी एक तरह से कंप्यूटर ट्रेनिंग का कोर्स करवा रहे हैं, तो चलिए बिना वक़्त गवाए शुरू करते हैं।
कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of computer)
कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of computer)

 कंप्यूटर शब्द की उतप्ति (Computer word origin)


 हमारे जो कंप्यूटर है, यह शब्द आखिर आया कहां से। आखिर इस शब्द की उत्पत्ति हुई कैसे ? क्या आप यह जानते है? अगर नहीं जानते तो मैं आपको बता देता हूं। कि कंप्यूटर शब्द का उत्पत्ति लेटिन भाषा के कंप्यूट शब्द से  हुआ है, और कंप्यूट का लैटिन भाषा में अर्थ है, गणना करना। अतः इसे संगणक कहा जाता है।

 यह एक ऐसा यंत्र है, जो कि गणितीय क्रियाओं को तीव्र गति से संपन्न करता है। शुरुआती दौर में इसका उपयोग काफी जटिल क्रियाओं को तीव्र गति से संपन्न करने के लिए किया जाता था, परंतु आज के दौर में इसका उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में किया जाता है। चाहे वह कोई भी कार्य हो। हर जगह कंप्यूटर का उपयोग हम करते हैं, और कुछ लोगों का यह भी मानना है, कि आजकल का सारा काम और पूरी दुनिया कंप्यूटर पर ही निर्भर करती है। और एक तरह से सोचा जाए तो यह सही बात भी है। इसीलिए दोस्तों मैं कहता हूं, कि किसी भी कार्य को योजनाबद्ध तरीके से करने के लिए हमें कंप्यूटर को अच्छे से जानना और समझना जरूरी है। तो चलिए शुरुआत कंप्यूटर की परिभाषा से करते हैं।

कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of computer)


 कंप्यूटर एक ऐसा स्वचालित मशीन है, जो निर्देशों  के नियंत्रण में, डाटा पर क्रिया करके, सूचना प्रतिपादित करता है। यह रोड डेटा को इनपुट के रूप में स्वीकार करता है, तथा उनपर क्रिया कर के परिणाम के रूप में अर्थपूर्ण सूचना प्रदर्शित करता है।

कंप्यूटर की क्षमताएं (Computer capabilities)


  1. यूजर द्वारा दिए गए निर्देश को स्वीकार करने की क्षमता इसमें होती है। 
  2. यूजर द्वारा दिए गए डाटा को स्वीकार करने की क्षमता। 
  3. स्वीकृत डाटा को क्रियान्वित करने की क्षमता। 
  4. यूजर की आवश्यकता अनुसार परिणाम प्रदर्शित करने की क्षमता। 


दोस्तों कंप्यूटर में डाटा को ग्रहण करने, तथा दिए गए निर्देशों के अनुसार प्रोग्राम को क्रियान्वित करने की क्षमता कंप्यूटर में होती है। और इसमें गणितीय  क्रियाएं करने की क्षमता बहुत ही ज्यादा होती है, और कंप्यूटर बहुत ही तेजी से हमारे हर सवाल का जवाब दे देता है। दोस्तों डाटा को प्रोसेस करने के लिए जो यंत्र काम में लिया जाता है, उसे सीपीयू कहा जाता है, और सीपीयू का दूसरा नाम प्रोसेसर होता है, जो कंप्यूटर का मस्तिष्क होता है, और जो हमे प्रोसेसर दिखाता है, वह सब हमें कंप्यूटर के स्क्रीन पर दिखाई दे जाता है। जिसे हम डिस्प्ले कहते हैं, और यह डिस्प्ले एक आउटपुट मशीन कहलाता है, और जो भी हम बाहरी चीजें लगाते हैं, जिससे कि हमें कंप्यूटर के अंदर डाटा को पहुंचाना होता है, उसे हम इनपुट मशीन कहते हैं। जैसे :- की-बोर्ड, माउस।

note :-

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हमने कंप्यूटर की परिभाषा के बारे में समझा, कि कंप्यूटर की क्या परिभाषा होती है, और कंप्यूटर शब्द आखिर कहां से आया है। अगली पोस्ट में मैं आपको कंप्यूटर की संरचना के बारे में बताऊंगा।

तो आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा, हमें कमेंट करके जरूर बताइए, और अगर आप कंप्यूटर की कंपलीट हार्डवेयर कोर्स करना चाहते हैं, और कंप्यूटर के बारे में अच्छे से समझना चाहते हैं, और कंप्यूटर रिपेयरिंग करना चाहते हैं, तो आप हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लीजिए, और सब्सक्राइब बटन आपको नीचे मिल जाएगा तो चलिए चलते हैं। 

12:31 AM

best file manager for android phone in (Hindi)


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एंड्रॉयड स्मार्टफोन के लिए कौन सा फाइल मैनेजर यूज़ करें :-

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम एक एंड्राइड फाइल मैनेजर एप का रिव्यू करने जा रहे हैं।

आज के इस पोस्ट में हम यह जानेंगे, कि हमें कौन सा एंड्राइड फाइल मैनेजर एप्लीकेशन यूज करना चाहिए।
दोस्तों एक सवाल मुझसे कई लोगों ने पूछा है, की हमें कौन सा एंड्राइड फाइल मैनेजर यूज़ करना चाहिए? अपने स्मार्टफोन के लिए। यह सवाल कई बार पूछा गया है, तो उनके बारे में सोच कर ही, मैंने आज कई सारे फाइल मैनेजर को इंस्टॉल करके देखा। अपने स्मार्टफोन में, और उनको अच्छे से रिव्यू किया। कुछ के फीचर्स मुझे काफी अच्छे लगे, और कुछ के बहुत ही खराब।
कुछ में काफी सारी लिमिटेशंस लगी हुई थी। तो कुछ में मालवेयर अर्थात वायरस का खतरा बना हुआ था।
तो लगभग मैंने कई सारे एप्लीकेशन को इंस्टॉल कर करके देखा,
और आखिरकार मुझे एक ऐसा एप्लीकेशन मिला जो कि बहुत ही अच्छा था। यूज करने में काफी आसान था, और उसमें काफी सारे फंक्शन थे, अर्थात कई सारे फीचर्स थे। जिन को यूज करना काफी आसान था, और काफी हेल्पफुल भी था। तो दोस्तों आज मैं लाया हूं, आपके लिए एक फाइल मैनेजर और इसी के बारे में हम आज विस्तार से जानेंगे। तो आइए शुरू करते हैं।

X-plore File Manager
एक्स-प्लोर फाइल मैनेजर

X-plore File Manager

X-plore File Manager


दोस्तों इस एप्लीकेशन का एक यूनिक इंटरफेस है, और काफी अच्छा भी है।
इस एप्लीकेशन में डुअल पेंट फाइल एक्सप्लोरर प्रोवाइड कराता है। इसका मतलब यह है, कि इस एप्लीकेशन को यूज करते हुए आप एक साथ दो मुंडो को मैनेज कर सकते हैं, और एक लोकेशन से दूसरी लोकेशन पर अपना फाइल कॉपी पेस्ट कर सकते हैं, और यह एप्लीकेशन कॉपी पेस्ट करते समय काफी तेजी से परफॉर्म करता है। जिससे कि आप अपनी किसी भी MP3 म्यूजिक और वीडियो को बहुत ही तेजी से कॉपी कर सकते हैं।
इसके सारे बेसिक फीचर्स यह एप्लीकेशन आपको फ्री में प्रोवाइड कराता है,और एक बात जो कि इस एप्लीकेशन को खास बनाती है, वह यह है,कि यह एप्लीकेशन पूरी तरह से ऐड फ्री है, अर्थात इस एप्लीकेशन में आपको कोई भी ऐड नहीं दिखाया जाएगा।
जिससे कि आपको इसे यूज करना काफी आसान हो जाएगा। नहीं तो कई सारे ऐसे भी एप्लीकेशन होते हैं, जिनमें एड चलते रहते हैं, और हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

एक्स-प्लोर फाइल मैनेजर की खास बात :-

इस एप्लीकेशन की खास बात यह है, कि इसमें आपको बहुत सारे फीचर्स मिल जाते हैं।जैसे कि क्लाउड एंड नेटवर्क स्टोरेज, रूट सपोर्ट, एप मैनेजर, पीडीएफ, फाइल व्यूअर, वीडियो प्लेयर विद सबटाइटल आदि।
इन सभी फीचर्स के साथ यह एप्लीकेशन लैंड और वेबस्टोरेज भी सपोर्ट करती है, और इस एप्लीकेशन की खास बात यह है, कि यह आपके मोबाइल के अंदर के फोल्डर को शो करने के साथ-साथ, एंड्राइड डिवाइस के बाहर की फाइल को भी एक्सेस कर सकती है। जैसे क्लाउड स्टोरेज, वेब सर्वर आदि।
X-plore app का ट्री व्यू मे फोल्डर hierarchy को शो करना, इसको easy to use बनाता है,
और इस वजह से ही तेजी से फाइल को एक्स्प्लोर और फोल्डर को switch किया जा सकता है।

best file manager for android phone ((( Others features ))):-

  1. sd card and copy
  2. Dual-pane ट्री व्यू।
  3. रुट, FTP, SMB1 / SMB2, Sqlite, zip , rar , 7zip, DLNA/UPnP एक्स्प्लोरर।
  4. डिस्क मैपदोस्तों इस ऑप्शन का उसे कर के आप यह पता लगा सकते है, की कोन से फाइल्स ज्यादा स्पेस ले रही है।
  5. इस में कई सारे क्लाउड स्टोरेज एक्सेस भी है, जैसे गूगल ड्राइव, ड्रॉपबॉक्स, अमेज़न क्लाउड ड्राइव, वन ड्राइव आदि।
  6. SSH File Transfer (SFTP) and SSH Shell
  7. App मैनेजर :- इस में आप को इक app मैनेजर भी मिल जाता है, जिस से आप अपने apps को काफी आसानी से मैनेज भी कर सकते है।
  8. USB OTG :- इस ऑप्शन की मदद से आप किसी अन्य मेमोरी कार्ड या पैन ड्राइव में भी अपने file को कॉपी कर सकते है।
  9. पीडीऍफ़ व्यूअर :- इस की मदद से आप किसी भी पीडीएफ फाइल को ओपन कर के देख सकते है, तथा पढ़ सकते है।
  10. फेवरेट फ़ोल्डर्स :- इस की मदद से आप अपने फेवरेट फोल्डर की लिस्ट बना सकते है।
  11. Built-in इमेजेज विएवेर्स, ऑडियो, टेक्स्ट
  12. हेक्स व्यूअर
  13. फ़ास्ट इमेज व्यूअर with ज़ूम and स्लाइड to previous/next इमेजेज
  14. Multi-selection
  15. View APK files as ZIP
  16. Share – सेंड files by ब्लूटूथ, ईमेल or दूसरी सपोर्ट देवीकेस किसी भी location से।


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12:08 AM

Fan capacitors are dangerous to made a 12v battery charger


Fan capacitors are dangerous to made a 12v battery charger :-

 ( 12 वोल्ट के बैटरी चार्जर बनाने के लिए फैन कैपेसिटर का इस्तेमाल है खतरनाक )
दोस्तों आज कल यूट्यूब में 12 वोल्ट की बैटरी चार्जर (12v battery charger) बनाने के लिए हजारों वीडियो मिल जाएंगे। जिसमें कैपेसिटर और डायोड की मदद से एक चार्जर बनाने की प्रक्रिया बताई जाती है। पर क्या दोस्तों यह आपके लिए सुरक्षित है, कभी आपने इस बारे में सोचा है? हमारे आज का यह पोस्ट पढ़ने के बाद आपको इस बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। कृपया हमारा यह पोस्ट अच्छी तरह से पढ़ ले। तो आइए चलते हैं, आज के टॉपिक पर।
Fan capacitors are dangerous to made a 12v battery charger
Fan capacitors are dangerous to made a 12v battery charger

दोस्तों मैं आपको एक फोटो दे रहा हूं। उस फोटो में आपको एक फैन कैपेसिटर से तथा एक डायोड की मदद से 12 वोल्ट की बैटरी को चार्ज करने की प्रक्रिया को दिखाया जा रहा है। दोस्तों आपको दिखाई दे रहा होगा, की कैपेसिटर डायोड और बैटरी को एक सीरीज में रखकर एसी करंट  दिया जाता है, जिससे बैटरी चार्ज होने लगती है। पर दोस्तों इससे बैटरी चार्ज तो होती है पर बहुत तेजी से चार्ज होती है, और तेजी से चार्ज होने के बाद जब यह बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो जाती है, तब हमारी यह बैटरी ब्लास्ट हो जाती है। इसीलिए ही मैं कहता हूं, कि इस तरह से अपने बैटरी को चार्ज ना करें।

Charger made from Fan Capacitor is deadly (12v battery charger)

( फैन कैपेसिटर से बनाया गया चार्जर है जानलेवा ) :-

दोस्तों मान लीजिए, आपके पास एक 12 वोल्ट की बैटरी ( battery ), जो की 7 एंपियर का  है। दोस्तों इस बैटरी को चार्ज करने के लिए हमारे पास ज्यादा से ज्यादा 14.1 वोल्ट से लेकर 14.4 वोल्ट तथा 1.5 एंपियर के डीसी करंट की जरूरत पड़ती है। दोस्तों अगर मैं अपने हिसाब से बताओ तो, एक 12 वोल्ट की बैटरी को चार्ज करने के लिए के लिए, ज्यादा से ज्यादा 15 वोल्ट के चार्जर की जरूरत पड़ती है, और अगर हम 15 वोल्ट से अधिक बोल्ट के चार्जर से चार्ज करते हैं, तो हमारा बैटरी खराब हो जाएगा। पर दोस्तों अगर हम फोटो के हिसाब से देखें, तो हम बैटरी ( battery )को चार्ज करने के लिए एक डायोड और फैन कैपेसिटर (fan capacitors) का इस्तेमाल कर रहे हैं। पर अगर हम इसका वोल्टेज चेक करेंगे तो हम यह पाएंगे ,कि इस मैं 100 वोल्ट तक का करंट रहा है।अब जैसा कि मैंने ऊपर बताया है, कि हम एक बैटरी ( battery ) को चार्ज करने के लिए ज्यादा से ज्यादा 15 वोल्ट तक का चार्जर ही यूज  में ले सकते हैं। अब इस बात से आप समझ ही गए होंगे के हमारे बैटरी के खराब होने या ब्लास्ट होने का क्या कारण है, इसके लिए मैं आपको एक उदाहरण देता हूं।

Examples ( उदाहरण ):-

मान लीजिए आप पांच रोटी खा सकते हैं, अगर आपको 5 के जगह 20 रोटी खिला दिया, तो आप की क्या हालत होगी। ठीक ऐसा ही हमारे बैटरी ( battery ) के साथ होता है। हम 15 बोल्ट की जगह अगर 100 वोल्ट का पावर देंगे, तो हमारा बैटरी ( battery ) जल जाएगा या ब्लास्ट हो जाएगा, पर इसमें एक ध्यान देने वाली बात यह है कि हम फैन कैपेसिटर यूज कर रहे हैं। फैन कैपेसिटर के गुण की वजह से ही हमारा बैटरी हाथो हाथ ब्लास्ट नहीं होगा या  खराब नहीं होगा। जब बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो जाएगी, तब हमारा बैटरी ओवरलोड होने लगेगा और ब्लास्ट हो जाएगा। इसीलिए चार्जर बनाने के लिए फैन कैपेसिटर का उपयोग ना करें।

Important things to be noted( ध्यान देने योग्य बाते ):-

दोस्तों मैं यह नहीं कहता, कि आप इस तरह का ट्रिक ना करें। दोस्तों आप ऐसे ट्रिक का उपयोग कर सकते हैं, और अपनी बैटरी को फुल चार्ज होने से पहले चार्जर को निकाल सकते हैं, पर दोस्तों हमेशा आप इस तरह से चार्ज नहीं कर सकते। क्या पता गलती से आप चार्जर को सही वक्त पर चार्जिंग से निकालना भूल गए, या आपको यह पता नहीं हो कि कब आपका बैटरी पूरी तरह से चार्ज होगा। तब आपको किसी ना किसी दुर्घटना का शिकार होना  ड़ेगा। इसीलिए मैं कहता हूं, कि आप इस तरह के ट्रिक का उपयोग ना ही करें तो बेहतर होगा।

Summary ( सारांश ) :-

दोस्तों हमारे इस पोस्ट में हमने आपको यह बताया, के फैन कैपेसिटर के इस्तेमाल से हम अगर किसी बैटरी को चार्ज करते हैं, तो हमें क्या क्या नुकसान हो सकता है, और यह हमारे लिए कितना खतरनाक है।
दोस्तों अगर आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया, तो अपने दोस्तों को जरूर बताएं और नई नई जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहिए और हमारे नए अपडेट की जानकारी सबसे पहले पाने  के लिए हमें सब्सक्राइब करना ना भूले और सोशल मीडिया में ज्यादा से ज्यादा इसे शेयर करिए।