CRT monitor or LCD में क्या अंतर होता है? ( What is the difference between CRT monitor or LCD )
CRT monitor or LCD में क्या अंतर होता है? |
दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम सीआरटी मॉनिटर (CRT monitor) और LCD एलसीडी में क्या फर्क होता है, इसके बारे में जानेंगे। और मैं अपनी पोस्ट में ज्यादा टेक्निकली बात नहीं करूंगा, मैं सीधे-सीधे एक उदाहरण के तौर पर आपको समझाने की कोशिश करूंगा, कि असल में यह क्या होता है। क्योंकि इसके अंदर के सर्किट को सही से समझाने के लिए यह बहुत बड़ा पोस्ट बन जाएगा इसलिए मैं अंदर के सर्किट वगैरह की बात, इस पोस्ट में नहीं करूंगा। मैं सीधे तौर पर आपको बताऊंगा, कि एलसीडी और सीआरटी मॉनिटर में क्या फर्क होता है। तो चलिए बिना वक्त गवाह शुरू कर लेते हैं।
सीआरटी मॉनिटर ( CRT monitor )
दोस्तों सीआरटी का फुल फॉर्म कैथोड रे ट्यूब ( Cathode Ray Tube ) होता है।
दोस्तों आपने पुराने जमाने में देखा होगा, कि जो हमारे सीआरटी टीवी होती थी। जिसके अंदर हम मूवीस (movies) वगैरह देखा करते थे। यह काफी बड़े साइज में आते थे, और काफी भारी भरकम आते थे। इनको सीआरटी मॉनिटर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उनके नाम में ही पता चल जाता है, कि यह एक रे ( RAY ) के ऊपर चलते थे। मतलब के इसके अंदर जो ट्यूब होता है, ट्यूब के अंदर से रे ( RAY ) निकलती है, जिसे आजकल लेजर कहा जाता है। तो लेजर की तरह ही किरणे निकलती थी। उसी रे की मदद से मॉनिटर पर हमें सब कुछ दिखाई देता था, और इसका जो डिस्प्ले होता था, उस डिस्प्ले में फॉस्फोरस ( phosphorus ) की कोटिंग की हुई रहती थी।
और उसी फास्फोरस की वजह से ही हमारे डिस्प्ले में कलर प्रदर्शित होता था। वैसे तो इसमें काफी सारी बातें हैं, पर दोस्तों इस एक पोस्ट में मैं आपको इतना कुछ नहीं बता सकता। इसके लिए मैं एक अलग पोस्ट लिख दूंगा। तो चलिए सीआईडी के बारे में कुछ और बातें जान लेते हैं।
कुछ अन्य बाते जाने :-
दोस्तों सीआरटी मॉनिटर काफी पुराने हैं, क्योंकि आज के जमाने में इनका उपयोग नहीं किया जाता। पर काफी टाइम पहले जब एलसीडी और एलईडी नहीं आई थी। तब सीआरटी मॉनिटर ही मिलते थे, और काफी भारी भरकम होते थे, और यह जो मॉनिटर आते थे। यह काफी ज्यादा बिजली की खपत करते थे। अर्थात इन टीवियो ( TV ) को चलने में काफी ज्यादा बिजली लगती थी। जिससे कि बिजली का बिल भी काफी ज्यादा आता था। पर जब से एलसीडी आया है, तब से इन सीआरटी मॉनिटर का उपयोग काफी कम हो गया है, और अब आपको यह मॉनिटर बहुत मुश्किल से देखने को मिलेंगे।
अब हम एलसीडी ( LCD ) के बारे में जानते हैं।
एलसीडी ( LCD )
दोस्तों एलसीडी का फुल फॉर्म लिक्विड क्रिस्टल डिस्पले ( Liquid crystal display ) होता है।
एलसीडी में जो डिस्प्ले होता है, उस डिस्प्ले में सामने की तरफ जो लेयर होती है, उसमें आर.जी.बी कलर ( RGB Color ) के, तीन कलर के क्रिस्टल होते हैं। और वहीं से कलर प्रोड्यूस होता है।
तो इन क्रिस्टल की वजह से कलर तो प्रोड्यूस हो गया। पर खाली कलर प्रोड्यूस होने से तो आपको कुछ दिखाई नहीं देगा। उसके लिए आपको लाइट की भी जरूरत पड़ेगी। क्योंकि बिना किसी चीज पर लाइक पड़े, आपको कुछ दिखाई तो दे नहीं सकता। अब आप अंधेरे में अगर कोई चीज देखने की कोशिश करोगे, तो आपको दिखाई नहीं देगा। आपको उस चीज को देखने के लिए, कमरे में रोशनी करनी पड़ेगी।
उसी प्रकार एलसीडी में सभी तरह के कलर्स को देखने के लिए हमें रोशनी की जरूरत पड़ती है, उसके लिए एलसीडी के पीछे की साइड सी.सी.एफ.एल ( CCFL ) लगा होता है। जिस प्रकार हमारे घर में रोशनी करने के लिए सीएफएल लगा होता है, उसी प्रकार एलसीडी में डिस्प्ले को रोशनी देने के लिए सी.सी.एफ.एल ( CCFL ) लगा होता है, और जब सी.सी.एफ.एल की लाइट डिस्प्ले पर गिरती है, तो हमें पूरा डिस्प्ले सही से दिखाई देता है।
एलसीडी सीआरटी मॉनिटर के मुकाबले 10 गुना पतला होता है।
एलसीडी के कुछ असुविधाएं :-
एलसीडी में ब्लैक कलर पूरी तरह से ब्लैक नहीं दिखाई देता है। उस ब्लैक कलर में हल्का सा फर्क आ जाता है। जिसकी वजह से वह ग्रे कलर में दिखाई देने लगता है। हालांकि यह पूरी तरह से हमें पता नहीं चल पाता। पर असल में देखा जाए तो कलर में फर्क जरूर आ जाता है।
अगर आप एल.सी.डी को एकदम सीधा और सामने की तरफ बैठ कर देखेंगे, तो आपको एल.सी.डी में सब कुछ बिल्कुल क्लियर ( clear ) दिखेगा, और एकदम साफ साफ दिखेगा। पर उसी जगह अगर आप एलसीडी के एक किसी भी एक साइड में अगर बैठ कर देखेंगे, तो आपको दिखेगा की कलर में थोड़ी बहुत बदलाव आ गए हैं, और एक तरफ से आपको काला दिखाई देने लगेगा। यह एल.सी.डी की एक बुरी बात है।
note :-
पर एल.सी.डी के मुकाबले एल.ई.डी. ( LED ) में काफी फर्क पड़ जाता है, और आपको काफी क्लियर दिखाई देता है। जिसके बारे में मैं नेक्स्ट पोस्ट में आपको बता दूंगा, और अगर मैं यह पोस्ट लिख देता हूं, तो आपको नीचे लिंक मिल जाएगा, या आप सर्च बार में सर्च ( Search ) करके भी देख सकते हैं।दोस्तों आज के इस पोस्ट में बस इतना ही। अगर आपको हमारा पोस्ट पसंद आया हो, तो हमें कमेंट करके जरूर बताइए, और अगर कुछ कंफ्यूजन है, तो हमें प्लीज कमेंट करके बताइए। हम आपकी कंफ्यूजन को दूर करने की कोशिश करेंगे।
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