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Sunday, September 15, 2019

एल.ई.डी. और ओ.एल.इ.डी. ( OLED ) में क्या फर्क होता है ( LED and OLED difference )

एल.ई.डी. और ओ.एल.इ.डी. ( OLED ) में क्या फर्क होता है?

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम एल.ई.डी. और ओ.एल.इ.डी. ( OLED ) के बारे में विस्तार से जानेंगे।
पिछले पोस्ट में हमने एलसीडी और एलईडी में क्या फर्क होता है। वह पता किया था। और आज के इस पोस्ट में हम एलईडी और ओ.एल.ई.डी. ( OLED ) में फर्क जानेंगे। तो चलिए बिना वक़्त गवाए शुरू कर लेते हैं।
LED vs OLED
LED vs OLED

एल.ई.डी. ( LED )



दोस्तों एल.ई.डी. ( LED ) का फुल फॉर्म लाइट एमिटिंग डायोड ( Light emitting diode ) होता है।
दोस्तों एल.सी.डी. और एल.ई.डी. में कोई ज्यादा डिफरेंस नहीं होता है। इसके अंदर भी वही क्रिस्टल होते हैं, जो कि लिक्विड क्रिस्टल है। सेम एल.ई.डी. में भी वही क्रिस्टल होते हैं। बस जो बैक साइट से जो हम लाइट देते हैं, वह बिल्कुल पूरे डिस्प्ले के बैक साइड में एल.ई.डी. की पैनल्स बनी होती है। और उस पैनल्स में भी जो रौशनी करने के लिए जो पैनल्स होते हैं, वह पैनल्स काफी छोटे छोटे होते हैं, जो पूरे डिस्प्ले में लगे होते हैं, और जो एल.ई.डी. होती है, वह कई सारी एल.ई.डी. एक साथ मिलकर एक ग्रुप बनाती है, और उस ग्रुप को हम एलईडी पैनल कहते हैं।
जो कि पूरे डिस्प्ले के बैक साइड में फैली होती है।

चूँ कि यह एल.ई.डी. ( LED ) है, और यह एल.ई.डी. ( LED ) काफी पतली भी बन सकती है। यही कारण है, की एल.सी.डी. से एल.ई.डी. काफी पतला होता है। और एल.ई.डी. को काफी स्लिम बनाया जा सकता है। और दूसरा जो इसमें फायदा होता है, वह यह होता है, कि एल.ई.डी. टीवी काफी कम करंट की खपत करती है। अर्थात एल.इ.डी. को चलाने के लिए काफी कम करंट की जरूरत पड़ती है। जिससे हमारे बिजली की भी बचत होती है।

ओ.एल.इ.डी. ( OLED )


जिस प्रकार आपने  एल.ई.डी. में देखा था, के उसमें डिस्प्ले को रोशनी देने के लिए पीछे एल.ई.डी. का पैनल होता था। पर ओ.एल.इ.डी. ( OLED ) में कोई पैनल नहीं होता है। ओ.एल.इ.डी. में यह होता है, कि हर एक पिक्सल ( Pixels ) के लिए एक एल.ई.डी. होता है। अर्थात हमारे ओ.एल.इ.डी. ( OLED ) के अंदर जितने भी पिक्सल का वह एलईडी होगा। उतना ही उसमें एलईडी लाइट लगा होगा। हर एक पिक्सल के लिए एक एलईडी यूज़ की जाती है। जिससे कि हमारे वीडियो क्वॉलिटी काफी अच्छी हो जाती है, और कंट्रास काफी उभर कर आते हैं। जिससे कि हमें रियल लाइफ एक्सपीरियंस होता है, और यह एलईडी बाकी एल.इ.डी. की तुलना में काफी महंगी आती है। और बहुत ही ज्यादा स्लिम आती है।

ओ.एल.ई.डी. खास बात

इस एलईडी की एक और खास बात यह होती है, कि इसमें हर एक पिक्सल के एलईडी को अर्थात, एक पर्टिकुलर एलईडी को हम अपने हिसाब से ऑफ कर सकते हैं, और ऑन कर सकते हैं, और अपने हिसाब से उसको एडजेस्ट भी कर सकते हैं। जिससे कि कोई भी कलर बिल्कुल परफेक्ट दिखाई देता है, और ब्लैक पूरी तरह से ब्लैक दिखाई देता है, और वाइट पूरी तरह से वाइट दिखाई देता है। आपने कभी देखा होगा कि नॉर्मल एलईडी टीवी के अंदर उसका जो डिस्प्ले होता है, उस डिस्प्ले के 8 लेयर होते हैं। जो कि आपको इमेज में दिखाई दे रहा होगा।
एल.ई.डी. और ओ.एल.इ.डी. ( OLED ) में क्या फर्क होता है ( LED and OLED difference )
एल.ई.डी. और ओ.एल.इ.डी. ( OLED ) में क्या फर्क होता है ( LED and OLED difference )

इन 8 लेयर में से सबसे पीछे वाला जो लेयर होता है, वह बैक लाइट के लिए होता है, और ओ.एल.ई.डी. में इन 8 लेयर में से 5 लेयर एक साथ जुड़ जाते हैं, और सामने के 3 लेयर सेम टू सेम रहते हैं। जिससे कि ओ.एल.ई.डी बहुत ही स्लिम हो जाता है, और नॉर्मल एलईडी की तुलना में यह काफी पतला दिखाई देता है।  आप एक नॉर्मल एल.ई.डी को ले लीजिए, और उसके पास ही ओ एल ई डी को रख दीजिए। आप देखेंगे कि इसमें जो कलर के कंट्रोल्स होते हैं, वह कितने अलग होते हैं। और कितने डिफरेंट हो जाते हैं। और ओ एल ई डी में आप  कर्ब वगैरह काफी आसानी से कर सकते हैं, और आपके वीडियो क्वालिटी या इमेज क्वालिटी में भी कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसमें इमेज क़्वालिटी इतनी अच्छी हो जाती है, की आप को एक रियल लाइफ इमेज का अनुभव होता है।

NOTE :-
तो दोस्तों, आपको हमारा आज का यह पोस्ट कैसा लगा। हमें कमेंट करके जरूर बताइए और दोस्तों आगे की पोस्ट में मैं क्यों एलईडी ( Q-LED )के बारे में बताने जा रहा हूं, तो प्लीज आगे वाला पोस्ट जरूर पढ़ें, और अगर मैं उस पोस्ट को लिख देता हूं, तो आपको नीचे उसका लिंक मिल जाएगा। तो चलिए चलते हैं, और मिलते हैं, नेक्स्ट पोस्ट पर। 

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